Bihar News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए विभाग के अपर मुख्य सचिव एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब व्हॉट्सऐप के जरिए छुट्टी नहीं मिलेगी, शिक्षकों को स्कूल के 15 किलोमीटर के दायरे में घर रखना होगा ताकि क्लास टाइमली चले और शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचे.  पहले कई शिक्षक ऐसे थे, जो व्हॉट्सऐप पर छुट्टी के लिए आवेदन देते थे. अब शिक्षा विभाग ने इसे लेकर एक आदेश जारी कर दिया है. नए आदेश के मुताबिक, व्हॉट्सऐप पर भेजा गया छुट्टी के लिए आवेदन मान्य नहीं होगा. 


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आदेश में कहा गया है कि स्कूल से अनुपस्थित शिक्षक व्हॉट्सऐप से ही अपना आवेदन भेज देते हैं, जो स्वीकार्य नहीं है. जिन शिक्षकों को छुट्टी का आवेदन देना होगा, उन्हें स्कूल आना होगा. ताकि निरीक्षण करने वाले अफसर यह देख सकें कि यह किस तारीख को दिया गया है. इस मामले में सभी जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षक, अन्य कर्मी, पदाधिकारी का आवेदन व्हॉट्सऐप पर स्वीकार नहीं करें. 


स्कूल में शिक्षकों को सुबह 9 से 5 रहना है, यह निर्देश भी है, 3 बजे के बाद एक पीरियड कमजोर चिन्हित बच्चों को पढ़ाना है, इसके बाद एक पीरियड के समय में हिसाब किताब,लिखा पढ़ी, रिपोर्ट बनाने से लेकर सब काम शिक्षकों को निपटाना है.


स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी
IAS केके पाठक ने कहा कि स्कूल निरीक्षण का बेहतर परिणाम सामने आए हैं. शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी है. स्कूल समय से खुल रहे हैं. इस व्यवस्था के तहत लगभग 40 हजार स्कूलों का प्रतिदिन निरीक्षण हो रहा है. अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों का वेतन काटा जा रहा है. कई प्रिंसिपल पर भी कार्रवाई की गई है. इसके अलावा यह भी देखा गया है कि स्कूलों का निरीक्षण दिन में एक ही बार करते हैं. कुछ शिक्षक निरीक्षण होने के बाद समय से पहले स्कूल छोड़ देते हैं.


राज्य के स्कूलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. इसको लेकर निरीक्षण रोस्टर बनाए गए है, जिसमें सुधार किया गया है. पहली पाली में निरीक्षण सुबह 9 से 12 बजे के बीच और दूसरी पाली में दोपहर 2 से 5 बजे के बीच होगी.


शिक्षक में यह संदेश जाना चाहिए कि हम कभी भी निरीक्षण के लिए पहुंच सकते हैं. निरीक्षण रोस्टर को रैंडम और गोपनीय रखा जाएगा. निरीक्षण रोस्टर मासिक ना बनाकर साप्ताहिक बनाया जाएगा. पिछले सप्ताह श्रेणी ''क'' वाले स्कूल में थे, उसे श्रेणी ''ख'' या श्रेणी ''ग'' में रखा जाएगा. इसी प्रकार रोस्टर को प्रत्येक सप्ताह रैंडमाइज किया जाएगा.


वहीं इसको लेकर शिक्षक संघ आक्रोशित है , बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ ने निंदा की है और मांग किया की ऐसे फैसले वापस लिए जाए. बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने कहा शिक्षा विभाग लगातार शिक्षकों को प्रताड़ित और मानसिक रूप से परेशान करने के लिए इस तरह के फैसले ले रही है, शिक्षा विभाग रोजाना ऐसा ऐसा फैसला ले रहा है जिससे शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दीपांकर गौरव ने कहा कि व्हाट्सएप के जरिए छुट्टी नहीं ले सकते हैं शिक्षक तो आखिर शिक्षा विभाग के अधिकारी व्हाट्सएप के जरिए कोई अधिसूचना या नोटिस क्यों जारी करते हैं.