बेतिया/पटनाः बेतिया में AQI 406 बना हुआ है. इसके कारण लोग यहां प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं. पिछले पंद्रह दिनों से AQI 400 से पार रह रहा है. इसके रोक थाम के लिए प्रशासन के पास फिलहाल कोई विकल्प नहीं दिख रहा है. बेतिया से लेकर नरकटियागंज तक प्रदूषण कि मार आम जनता झेल रही है. खुले में कूड़ा जलाया जा रहा है, कल करखानों से प्रदूषण ही फैल रहा है. खेतों में पराली जलाई जा रही है. पुराने वाहन सरपट सड़कों पर दौड़ रहें हैं. आम लोगों का जीना मुहाल है. इसके बावजूद भी प्रशासन के तरफ से कड़े कदम नहीं उठाये जा रहें है.


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नहीं पड़ रहा छिड़काव का असर
जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने नगर निगम को सड़कों पर पानी छिड़काव करने को आदेशित किया है, लेकिन यह पानी छिड़काव भी PH लेवल को कम नहीं कर सका है. पंद्रह दिनों से लोग गैस चैंबर में घुट घुट कर जीने को मजबूर हैं. विशेषज्ञों की मानें तो खेतो में जल रही पराली, शहर में जलाया जा रहा कूड़ा और पुराने वाहनों पर फ़ौरन रोक लगाने कि जरूरत है. कल करखानों से निकलने वाले धुएं के जांच करने कि जरूरत है ताकि लोगों को बीमार होने से बचाया जा सके. नरकटियागंज के लोगों का कहना है सुबह में दौड़ने के समय आँखे लाल लाल हो जा रही हैं. धुँआ से धुंध हो जा रहा है प्रशासन इसे रोकने में पूरी तरह विफल है. जिला प्रशासन को प्रदूषण को लेकर कड़े कदम उठाने कि जरूरत है. पिछले 15 दिनों से जिला में AQI 400 से पार रह रहा है जिला गैस चैंबर में तब्दील हो गया है.


अन्य जिलों का प्रदूषण स्तर
बेतिया के अलावा, बिहार के अन्य जिलों का AQI भी कोई खास नहीं है. बल्कि अधिकांश की हवा प्रदूषित ही है. मोतिहारी का एक्यूआइ गुरुवार को 448 प्वाइंट पर पहुंच गया, पूर्णिया का AQI भी 400 के खतरनाक स्तर के पार रहा. प्रदेश के अन्य सात शहरों की हवा भी बेहद खराब रही. पटना का एक्यूआइ बीते 24 घंटे में 311 से घट कर 284 पर आ गया. 300 के नीचे आने से यहां का प्रदूषण स्तर में थोड़ी कमी आई है, लेकिन अभी भी हवा खराब श्रेणी में ही है.