Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2022: आजादी के बाद देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री, महान स्वतंत्रता सेनानी एवं लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 147वीं जयंती है. जिसे पूरा देश एकता दिवस के रूप में मना रहा है. पूरा देश आज उन्हें इस जयंती पर्व पर याद कर रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.



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इन दोनों के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पटेल चौक पर सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर उन्हें सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि दी. पीएम ने यहां राष्ट्रीय एकता दिवस में भी हिस्सा लिया.



'लौहपुरुष' को श्रद्धांजलि देते हुए अमित शाह ने लिखा कि सरदार पटेल के लौह इरादों के आगे कुछ भी असंभव नहीं था. उन्होंने अपने दृढ़ नेतृत्व से अलग-अलग रियासतों में बंटे भारत को एकता के सूत्र में पिरोया. राष्ट्रहित के संकल्प से पूरा जीवन देश के लिए जीने वाले सरदार पटेल की जयंती पर उनके चरणों में नमन व सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की बधाई.



बता दें कि 'लौहपुरुष' सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था. ऐसे में पीएम मोदी की अपील पर देशभर में पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में शुरू हुआ था और अब यह हर साल इसी रूप में मनाया जाता है.


जानें आजाद भारत की एकता का सूत्रधार 'लौहपुरुष' के अनमोल वचन


जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता. अतः जात-पांत के ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए.


अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे.


कठिन समय में कायर बहाना ढूंढ़ते हैं बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते हैं.


आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए.


आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए तभी हम एक उन्नत देश की कल्पना कर सकते हैं.


शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं.


इस मिट्टी में कुछ खास है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है.


भले ही हम हजारों की संपत्ति खो दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर और सत्य में अपना विश्वास बनाए रखना चाहिए.


हर नागरिक की यह मुख्य जिम्मेदारी है कि वह महसूस करे कि उसका देश स्वतंत्र है और अपने स्वतंत्रता देश की रक्षा करना उसका कर्तव्य है.


आपकी भलाई आपके रास्ते में बाधा है, इसलिए अपनी आंखों को गुस्से से लाल होने दें, और अन्याय के साथ मजबूती से लड़ने की कोशिश करें.


संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गई है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे. जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैरभाव से नहीं होता.


भारत एक अच्छा उत्पादक है और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे.


 (ये सारे कोट्स सरदार पटेल के हैं और ये अलग-अलग स्त्रोंतों से लिए गए हैं...ऐसे में इसमें से सभी के सभी कोट्स आपको अन्य स्त्रोंतों पर भी उपलब्ध हो जाएंगे )


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