पटना : भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा हत्याकांड से संबंधित दो मामलों में इस माह फैसला आ सकता है. इसमें पहला मामला विशेश्वर ओझा की हत्या से जुड़ा है जिसमें बृजेश मिश्रा, हरीश मिश्रा, बसंत मिश्रा, उमाकांत मिश्रा, टूनी मिश्रा, हरेंद्र मिश्रा, भृगु नाथ मिश्रा, कुंदन यादव, मदन ठाकुर, विनोद ठाकुर, बबलू ठाकुर तथा पप्पू सिंह अभियुक्त बनाए गए थे. 12 फरवरी 2016 की शाम विशेश्वर ओझा की हत्या कर दी गई थी जिसको लेकर उनके भतीजे राजनाथ ओझा के बयान पर शाहपुर थाना में प्राथमिकी 48/16 अंकित की गई थी. विश्वेश्वर ओझा हत्याकांड से संबंधित सेशन ट्रायल 390/16 तथा 402/18 आरा की एडीजे 8 की अदालत में विचाराधीन है. इसके अलावा विशेश्वर ओझा हत्याकांड से जुड़े स्वतंत्र गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या से संबंधित मुकदमे में भी जजमेंट की तारीख तय कर दी गई है. इससे संबंधित सेशन ट्रायल 317/19 आरा की एडीजे -2 की अदालत में लंबित है. कमल किशोर मिश्रा की हत्या वर्ष 2018 में कर दी गई थी. उपरोक्त कमल किशोर मिश्रा हत्याकांड से संबंधित सेशन ट्रायल 317/19 में में आज 3 फरवरी को तारीख है जिसमें जजमेंट आने की संभावना है.


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हाइकोर्ट के आदेश के बाद प्रतिदिन हो रही सुनवाई
विशेश्वर ओझा हत्याकांड के विचारण में तेजी तब आई जब पटना उच्च न्यायालय ने इस संबंध में हस्तक्षेप करते हुए निचली अदालत को एक माह के अंदर सुनवाई पूरा करने तथा ट्रायल दो माह में समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया. इसके साथ ही निचली अदालत को यह आदेश भी दिया है कि तुच्छ (frivolous) यह आदेश इस कांड के आरोपी बसंत मिश्रा की तरफ से पटना उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका के विचारण के दौरान दिया गया. पटना उच्च न्यायालय से बसंत मिश्रा की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. पटना उच्च न्यायालय ने यह आदेश क्रिमनल मिसलेनियस केस 3061/2024 में हत्याकांड के आरोपी बसंत मिश्रा की जमानत याचिका निपटाते हुए जारी किया है.


अभियोजन की तरफ से प्रस्तुत किए गए दस गवाह 
पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आरा की एडीजे 8 की अदालत में प्रतिदिन के आधार पर बहस चल रही है. अभियोजन पक्ष की ओर से जिला अभियोजन पदाधिकारी सह अपर लोक अभियोजक ने माणिक कुमार सिंह द्वारा आज शुक्रवार को लगातार चौथे दिन बहस किया गया. अभियोजन पक्ष के बाद बचाव पक्ष बहस करेगा. इस संबंध में जिला अभियोजन पदाधिकारी माणिक कुमार सिंह ने अदालत में बहस के दौरान कहा कि अभियोजन की तरफ से दस गवाह प्रस्तुत किए गए हैं. इसमें सूचक, जांच अधिकारी, चिकित्सक, जप्ती सूची गवाह एवं स्वतंत्र गवाह शामिल हैं. बहस के दौरान उन्होंने अदालत को बताया कि इस कांड के प्रमुख गवाह की हत्या ट्रायल के दौरान कर दी गई है जिससे संबंधित मामले का विचारण अन्य अदालत में चल रहा है.


इनपुट- मनीष कुमार सिंह


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