Minimum Pension Rules: भारत सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स की लंबे समय से चली आ रही मांग को मानते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लॉन्च की है, जिसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा. इस स्कीम से 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा और अगर राज्य सरकारें भी इसे अपनाती हैं तो यह आंकड़ा 90 लाख से ऊपर जा सकता है. महाराष्ट्र इस योजना को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. जल्द ही बिहार समेत अन्य राज्यों में भी लागू कर दी जाएगी. 


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यूपीएस के तहत पेंशन की व्यवस्था
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत 25 साल की सेवा करने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा. वहीं, न्यूनतम 10 साल की सेवा करने वाले कर्मचारियों के लिए भी पेंशन का प्रावधान किया गया है, जिसमें उन्हें 10,000 रुपये पेंशन दी जाएगी. लेकिन, अगर किसी कर्मचारी की सेवा 10 साल से कम है, तो उसे पेंशन के रूप में एक भी रुपया नहीं मिलेगा. इसका मतलब है कि 10 साल से कम नौकरी करने वाले कर्मचारियों को यूपीएस के तहत कोई पेंशन नहीं दी जाएगी, भले ही उन्होंने 9 साल और 11 महीने तक सेवा क्यों न की हो.


एनपीएस के साथ जारी रहेगी यूपीएस
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम के साथ ही न्यू पेंशन स्कीम (NPS) भी जारी रहेगी. कर्मचारियों को दोनों योजनाओं में से एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा, लेकिन एक बार चुने गए पेंशन सिस्टम को बदला नहीं जा सकेगा.


10 साल से पहले रिटायरमेंट पर क्या होगा
यूपीएस के नियमों के अनुसार 10 साल से कम सेवा करने वाले कर्मचारियों को पेंशन का कोई लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को अंतिम सैलरी का 60% हिस्सा फैमिली पेंशन के रूप में मिलेगा.


25 साल से कम सेवा पर पेंशन की गणना
अगर किसी कर्मचारी की सेवा 10 साल से ज्यादा और 25 साल से कम है, तो पेंशन की राशि अलग-अलग होगी. उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी ने 24 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट लिया है, तो उसे 50% के बजाय 45% से 50% के बीच पेंशन मिलेगी. इसके अलावा यूपीएस के तहत ग्रेच्युटी और रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि का भी प्रावधान है. साथ ही इस योजना में ग्रेच्युटी की राशि ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की तुलना में कम हो सकती है और इसका कैलकुलेशन कर्मचारियों की सेवा के हर 6 महीने पर बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाएगा.


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