Vastu Tips for House: वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का विशेष महत्व होता है. यह दिशा घर या दफ्तर के उत्तर-पूर्व हिस्से को कहते हैं और इसे सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है. इसे भगवान शिव की दिशा भी कहा जाता है और इसके स्वामी बृहस्पति होते हैं. आचार्य मदन मोहन से आइए जानते हैं ईशान कोण के महत्व और इसमें क्या नहीं रखना चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ईशान कोण क्या है?
आचार्य मदन मोहन के अनुसार ईशान कोण घर या दफ्तर के उत्तर-पूर्व दिशा को कहते हैं. यह दिशा चुंबकीय और सौर ऊर्जा का मिलन स्थल होती है. अगर इस दिशा के नियमों का ध्यान रखा जाए, तो व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि की वृद्धि होती है.


ईशान कोण का महत्व
आचार्य के अनुसार धार्मिक दृष्टि से ईशान कोण को देवताओं का निवास स्थल माना जाता है. इसलिए इस दिशा में पूजा स्थल बनाना शुभ माना जाता है. इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हमेशा बना रहता है. घर में पूजा का मंदिर ईशान कोण में बनाना चाहिए, क्योंकि इससे जीवन में खुशहाली आती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. मां लक्ष्मी भी इस दिशा में वास करती हैं.


घर में ईशान कोण में क्या न रखें
आचार्य के अनुसार ईशान कोण में कभी गंदगी नहीं रखना चाहिए. इससे घर की बरकत चली जाती है और सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है. इस दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखें. साथ ही इस दिशा में टॉयलेट, सेप्टिक टैंक, पानी की टंकी, सीढ़ियां, स्टोर, रसोई आदि का निर्माण नहीं करना चाहिए. इससे मानसिक परेशानी बढ़ती है और वास्तु दोष उत्पन्न होता है. इस दिशा में कभी काले या नीले रंग की दीवारें न रखें. इन रंगों से दिमाग की निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. साथ ही इस दिशा में भारी चीजें रखने से बचना चाहिए. इससे वास्तु दोष पैदा होता है और घर की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है.


Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. जी बिहार झारखंड किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


ये भी पढ़िए- Aaj Ka Rashifal 2024: इन 4 राशियों पर बरसेगी हनुमान जी की कृपा, पढ़ें अपना राशिफल