Vidur Niti: अगर चाहते हैं सुखी और खुशहाल जीवन, तो आज ही त्यागें इन बुरी आदतों को
Vidur Niti: मौजूदा समय में चाणक्य की महात्मा विदुर की नीतियां भी काफी प्रचलित हैं. महात्मा विदुर के पास दूरदर्शी और कुशाग्र बुद्धि होने के साथ साथ अत्यंत शांत और सरल स्वभाव का था. यही कारण था कि भगवान कृष्ण भी उन्हें काफी पसंद लेते थे.
पटना:Vidur Niti: मौजूदा समय में चाणक्य की महात्मा विदुर की नीतियां भी काफी प्रचलित हैं. महात्मा विदुर के पास दूरदर्शी और कुशाग्र बुद्धि होने के साथ साथ अत्यंत शांत और सरल स्वभाव का था. यही कारण था कि भगवान कृष्ण भी उन्हें काफी पसंद लेते थे. बता दें कि महाराज धृतराष्ट्र भी कोई भी काम करने से पहले महत्वपूर्ण विषयों पर विदुर से सलाह जरूर लेते थे और हर बात पर खुलकर उनसे चर्चा करते थे. विदुर और धृतराष्ट्र के बीच की चर्चा की बातों को विदुर नीति के रूप में जाना जाता है. महात्मा विदुर ने अपने विदुर नीति में सत्य के साथ-साथ व्यवहार, धन और कर्म को भी शामिल किया है. विदुर नीति में सुखी जीवन जीने के लिए कुछ ऐसी आदतों के बारे में जानकारी दी गई है लोगों को जिसका त्याग कर देना चाहिए.
- महात्मा विदुर का कहना है कि मनुष्य को कभी भी किसी बात का अभिमान नहीं करना चाहिए. जो व्यक्ति स्वयं को दूसरों से ऊपर समझता है ऐसा व्यक्ति अभिमानी होता है. ऐसे लोगों को लोग ज्यादा पसंद नहीं करते हैं. इसीलिए इंसान को अभिमानी नहीं होना चाहिए.
- विदुर नीति के अनुसार मनुष्य को ज्यादा नहीं बोलना चाहिए. ज्यादा बोलने वाला व्यक्ति अक्सर बड़बोले होते हैं. ज्यादा और व्यर्थ बोलने के चलते कई बार ऐसी बातें बोल देते हैं जिसके कारण आगे चलकर उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.
- विदुर नीति का कहना है कि ज्यादा गुस्सा आना सही नहीं है. मनुष्य गुस्से में कई बार ऐसी चीजें कर जाता है जिससे अंत में उसका ही नुकसान पहुंचता है. महात्मा विदुर का कहना है कि अधिक गुस्सा करने वाले इंसान की उम्र भी कम हो जाती है.
- अगर कोई आपके ऊपर आंख बन्द करके भरोसा करता है तो ऐसे व्यक्ति को कभी धोखा नहीं देना चहिए. ऐसा करने से आपका ही नुकसान होता है.
- महात्मा विदुर का कहना है कि लालच कभी भी इंसान को सुख से नहीं रहने देता. लालची व्यक्ति हमेशा ही परेशान रहता है. ऐसे में अपने लालच को पूरा करने के लिए व्यक्ति कुछ न कुछ पाप जरूर करता है.