नालंदा: Nalanda News: बिहार के नालंदा जिले के महावीर मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट (एमएमएसआई) में सोमवार को 12 वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई. मृतक के परिजनों का दावा है कि मौत डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है. ट्रेनिंग कर रहे डॉक्टरों ने एक कार का शीशा भी तोड़ दिया, जहां परिवार के सदस्यों ने मृतक का शव रखा था.


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एमएमएसआई में कराया गया भर्ती
गोल्डन कुमार के रूप में पहचाने जाने वाला 12 वर्षीय लड़का रविवार शाम साइकिल से गिर गया था और उसके कूल्हे पर चोट लग गई थी. उन्हें पावापुरी स्थित महावीर मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था.


पीड़ित परिवार ने डॉक्टरों पर लगाया आरोप
मृतक के दादा ज्ञान बहादुर सिंह ने कहा, 'डॉक्टरों ने प्रारंभिक उपचार दिया. रात में उसके शरीर का तापमान कम हो गया. हो सकता है कि डॉक्टरों ने उसका गलत निदान किया हो. मैंने बार-बार डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों से उसकी देखभाल करने और पर्याप्त उपचार प्रदान करने का अनुरोध किया, लेकिन कोई भी मेडिकल स्टाफ नहीं आया. डॉक्टर चैंबर में मौजूद थे लेकिन उन्होंने मुझे और अन्य रिश्तेदारों को डांटा. मेरे पोते ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया.'


अस्पताल में भड़की हिंसा
गोल्डन की मौत की खबर सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण अस्पताल में जमा हो गए और मेडिकल स्टाफ के साथ तीखी नोकझोंक हुई. अस्पताल में मौजूद इंटर्न डॉक्टरों ने ग्रामीणों को हिंसक प्रतिक्रिया दी और उन पर मारपीट शुरू कर दी.


ज्ञान बहादुर सिंह ने कहा, 'उन्होंने अस्पताल के मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया और हमारे साथ मारपीट की. हम अपने पोते के शव को ले जाने में कामयाब रहे और कार के अंदर रख दिया. लेकिन इंटर्न डॉक्टर ने भी उस पर हमला किया और विंडशील्ड तोड़ दिया. हम किसी तरह पोस्टमॉर्टम कराए बिना वहां से भाग निकले.'


अस्पताल प्रशासन ने कहा किया कि ग्रामीण चिकित्सा अधीक्षक के कमरे के अंदर गए और उनके साथ दुर्व्यवहार किया. ग्रामीणों के दुर्व्यवहार के बाद इंटर्न डॉक्टरों ने जवाबी कार्रवाई की.


(आईएएनएस)