वेटिंग टिकट कन्फर्म नहीं होने पर क्या होता है? क्या है नियम, जान लीजिए
ट्रेन से यात्रा करने के लिए IRCTC की वेबसाइट से कई बार आप ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं. कभी-कभी कंफर्म टिकट मिल जाता है, तो कभी-कभी वेटिंग मिलता है, जिसे आप बुक कर लेते हैं. ऑनलाइन बुक किए गए टिकट को ई टिकट कहा जाता है.
Train Ticket : आप ट्रेन की यात्रा करते हैं और कहीं जाने के लिए टिकट बुक करते हैं. अगर आपको कंफर्म टिकट नहीं मिलता तो आप वेटिंग का टिकट बुक कर लेते हैं. ये वेटिंग टिकट आप इस उम्मीद में करते हैं कि ये कंफर्म हो जाएगा. लेकिन कभी-कभी आपका बुक किया गया वेटिंग कैंसिल हो जाता है. जिसकी वजह से आप आपनी यात्रा नहीं कर पाते हैं. साथ ही आपको नुकसान भी उठाना पड़ता है. चलिए जानते हैं कि वेटिंग टिकट कैंसिल होने के बाद क्या होता है. आपको कितने पैसे वापस मिलते हैं और क्या आप उस टिकट को अपनी यात्रा में इस्तेमाल सकते हैं या नहीं.
आसान भाषा में समझिए ई टिकट का मतलब
ट्रेन से यात्रा करने के लिए IRCTC की वेबसाइट से कई बार आप ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं. कभी-कभी कंफर्म टिकट मिल जाता है, तो कभी-कभी वेटिंग मिलता है, जिसे आप बुक कर लेते हैं. ऑनलाइन बुक किए गए टिकट को ई टिकट कहा जाता है. वेटिंग टिकट चार्ट बनने के बाद अगर कंफर्म नहीं होता तो इनवैलिड हो जाता है. इसको आसान भाषा में समझा जाए तो अगर आपका ई टिकट वेटिंग में है तो आप यात्रा नहीं कर सकते हैं. हालांकि, कभी-कभी आरएसी हो जाता है, लेकिन जिसके चांस बहुत कम होते हैं.
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वेटिंग टिकट कैंसिल पर क्या होता है?
आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, वेटिंग टिकट कैंसिल होने के बाद तीन से चार दिन में पैसा रिफंड किया जाता है. हालांकि, इसके बदले रेलवे बुकिंग चार्ज लेता है. वहीं, तत्काल में वेटिंग टिकट को लेकर अलग रूल हैं. रेलवे की तरफ से तत्काल वेटिंग टिकट को कंफर्म नहीं होने पर कैंसिल कर दिया जाता है. इसका भी टिकट कैंसिल होने पर पैसा वापस कर दिया जाता है. स्लीपर क्लास वेटिंग टिकट कंफर्म नहीं होने पर रेलवे 60 रुपये बुकिंग चार्ज लेता है. वहीं, एसी क्लास की वेटिंग टिकट कैंसिल होने पर 65 रुपये चार्ज लगता है.
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