पटना: Upendra Kushwaha and Jitan Ram Manjhi: बिहार की राजनीति में जदयू की तनातनी लगातार सुर्खियों में है. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पार्टी और सीएम नीतीश से नाराज चल रहे हैं. वह बार-बार जदयू और राजद में किसी डील की बात रहे हैं और सीएम नीतीश कुमार पर तीखे हमले भी कर रहे हैं. इसी बीच बुधवार को कुशवाहा ने पार्टी से नाराजगी की अपनी वजह बताई है. कुशवाहा ने कहा कि, वह आने वाले विधानसभा चुनाव को तेजस्वी यादव के नेतृत्व में नहीं लड़ना चाहते हैं. उनके इस बयान के सामने आने के बाद हम नेता और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने पलटवार किया है.  


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किसी के इशारे पर साजिश कर रहे कुशवाहाः मांझी
जानकारी के मुताबिक,   उपेंद्र कुशवाहा के 'तेजस्वी यादव के नेतृत्व' वाले बयान के बाद से बिहार की सियासत में एक बार और हलचल मच गई है. 'हम' प्रमुख जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि इससे तो स्पष्ट होता है कि उपेंद्र कुशवाहा ने अपने मन में कुछ और पाल रखा था. नीतीश कुमार के बयान के बाद उनको लगा होगा कि उनका पत्ता साफ हो गया. इसके बाद से वो बढ़-चढ़कर बोल रहे हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि 'उपेंद्र कुशवाहा को पहले मुख्यमंत्री से बातचीत करनी चाहिए थी लेकिन मीडिया में पार्टी की बातों को लेकर बयान नहीं देना चाहिए. महागठबंधन की सरकार को गिराने के लिए लगातार साजिश होती रहती है. उपेंद्र कुशवाहा ऐसे ही किसी साजिश के शिकार हो गए हैं.' 'उपेंद्र कुशवाहा किसी के इशारे पर साजिश रच रहे हैं जिससे महागठबंधन में कोई दरार आए लेकिन उपेंद्र कुशवाहा इस साजिश में सफल नहीं होने वाले हैं. नीतीश कुमार महागठबंधन में सातों दलों को साथ लेकर चल रहे हैं.'


ये कहा था कुशवाहा ने
बुधवार को उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नाराजगी की वजह साफ करते हुए कहा कि 'उपेंद्र कुशवाहा 5 रुपए की सदस्यता वाले साधारण मेंबर बनकर पार्टी रहने को तैयार है.' उन्होंने कहा कि 'संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष और राष्टीय अध्यक्ष बनने की मेरी कोई इच्छा नहीं है. लेकिन जेडीयू और आरजेडी के बीच हुई डील खत्म किया जाए.' उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आरजेडी के लोग मुंह खोल के ये बात कर रहे हैं की 2025 में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव के नाम को आगे किया जाएगा. यह डील नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच हुई है. अगर यह डील हुई है तो इसे रद्द किया जाए.