क्या बिहार को मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा? पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में CM नीतीश ने उठाई मांग
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क्या बिहार को मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा? पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में CM नीतीश ने उठाई मांग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डेढ़ साल बाद 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डेढ़ साल बाद 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वो 2010 से ही ये मांग उठा रहे हैं.

बैठक के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्य में सर्वसम्मति से कराए गए जाति आधारित गणना के आंकड़ों के आधार पर भाजपा समेत सभी पार्टियों की सहमति से समाज के सभी कमजोर वर्गों के सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण में इनकी भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया गया." उन्होंने कहा, "राज्य में आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दी गई है. इसके लिए कानून पारित हो गया है. सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पूर्व से ही 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध है. सभी को मिलाकर कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो गया है. हमारी सरकार ने केन्द्र सरकार से आरक्षण के नये कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया है. आशा है केन्द्र सरकार इसे शीघ्र ही संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करेगी." 

मुख्यमंत्री ने कहा, "जाति आधारित गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली गयी है. सभी जातियों में गरीब परिवार मिले हैं, जिनमें 25.09 प्रतिशत सामान्य वर्ग के, 33.16 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के, 33.58 प्रतिशत अति पिछड़े वर्ग के 42.93 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा 42.70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग गरीब हैं. सभी वर्गों में गरीब परिवारों की कुल संख्या 94 लाख है." 

उन्होंने कहा, 'गरीब परिवारों को आगे बढ़ाने के लिए इसके एक सदस्य को रोजगार के लिए दो लाख रुपये तक की सहायता की योजना बनायी गयी है और जिन परिवारों के पास आवास नहीं है, उन्हें जमीन खरीदने के लिए दी जाने वाली राशि को 60 हजार रुपये से एक लाख रुपये कर दिया है. मकान बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे." 

उन्होंने कहा, "वर्ष 2018 से "सतत जीविकोपार्जन योजना' के तहत अत्यंत निर्धन परिवार को रोजगार के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है. एक लाख रुपये की सहायता राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है. इन सब कार्यों में कुल मिलाकर दो लाख 50 हजार करोड़ रुपये लगेंगे, जिसे अगले पांच सालों में पूरा कर लिया जायेगा. यदि केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दिया जाए तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे. हम वर्ष 2010 से ही बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं." 

(इनपुट भाषा के साथ) 

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