पटना:World Press Freedom Day 2023: लोकतंत्र का चौथा स्‍तंभ कहे जाने वाले पत्रकारिता को को जोखिमभरा काम है. कई बार पत्रकारों पर किसी खबर को कवर करने के दौरान हमले भी हो जाते हैं. दुनियाभर में इसके सारे उदाहरण मिल जाएंगे.सच को पूरी सामने लाने के लिए कई बार पत्रकार अपनी जान तक दांव पर लगा देते हैं. अपनी जिम्‍मेदारी को अच्‍छे से निभाने वाले पत्रकारों की आवाज को कोई दबा न सके, इस बात के लिए उन्‍हें स्‍वतंत्रता मिलना बहुत जरूरी है. तभी अपने काम को पत्रकार अच्‍छे तरीके से कर पाएंगे. इसी उद्देश्‍य से हर साल 3 मई को पूरे विश्व में प्रेस स्‍वतंत्रता दिवस (World Press Freedom Day) के रुप में मनाया जाता है.


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विश्‍व प्रेस स्‍वतंत्रता दिवस की थीम


विश्‍व प्रेस स्‍वतंत्रता दिवस को हर साल अलग अलग थीम पर मनाया जाता है. साल 2023 इसे 'Shaping a Future of Rights: Freedom of Expression as a Driver for all other human rights' पर मनाया जा रहा है. वहीं पिछले साल इसे 'Journalism under Digital Siege' की थीम पर मनाया गया था. बता दें कि इस साल विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की 30वीं वर्षगांठ है.


ऐसे हुई थी शुरुआत


अफ्रीका के पत्रकारों ने पहली बार साल 1991 में प्रेस की आजादी के लिए मुहिम छेड़ी थी. प्रेस की आजादी के सिद्धांतों को लेकर 3 मई को एक बयान जारी किया गया था, जिसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से भी जाना जाता है. इसके ठीक दो साल बाद संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने  1993 में पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की. जिसके बाद से 3 मई को हर साल विश्‍व प्रेस स्‍वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. यूनेस्को की ओर से हर साल 3 मई को गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज दिया जाता है. ये पुरस्कार ऐसे व्यक्ति अथवा संस्थान को मिलता है जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए सराहनीय कार्य किया हो.


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