PICS: घर-घर से `खोंयछा` मांग रहीं CM कैंडिडेट पुष्पम प्रिया, बिहार चुनाव में यूं आ रहीं नजर

पुष्पम प्रिया चौधरी चुनाव प्रचार के लिये मिथिलांचल की ‘खोंयछा’ परंपरा के जरिये मतदाताओं से जुड़ रही है और हर परिवार से कपड़े का एक छोटा टुकड़ा, एक मुठ्ठी अनाज और एक रूपया मांग रही हैं.

Tue, 13 Oct 2020-9:25 pm,
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खोंयछा मांग रहीं पुष्पम प्रिया

‘प्लूरल्स पार्टी’ की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी चुनाव प्रचार के लिये मिथिलांचल की ‘खोंयछा’ परंपरा के जरिये मतदाताओं से जुड़ रही है और हर परिवार से कपड़े का एक छोटा टुकड़ा, एक मुठ्ठी अनाज और एक रूपया मांग रही हैं. लंदन स्कूल ऑफ़ इकनॉमिक्स से पढ़ाई करने वाली पुष्पम ने अपने चुनाव प्रचार के इस अभियान का नाम ‘बिहार का खोंयछा’ रखा है.

 

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बिहार में बेटियों को खोंयछा देने की है परंपरा

पुष्पम की प्लूरल्स पार्टी अपने अभियान के दौरान एक ओर बिहार में कृषि क्रांति, औद्योगिक क्रांति और नगरीय क्रांति का खाका पेश करके युवाओं एवं पढ़े लिखे तबके तक पहुंचने का प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर ‘खोंयछा’ अभियान के जरिये महिलाओं को जोड़ रही हैं. गौरतलब है कि मिथिला में ‘खोंयछा’ को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. बेटियों के घर से बाहर जाने या कहीं से घर आने पर उन्हें ‘खोंयछा’ देने की परंपरा है. माना जाता है इससे घर में सुख-समृद्धि आती है. ‘खोंयछा’ में अन्न का दाना और एक रुपए का सिक्का काफी अहम होता है.

 

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जेडीयू नेता की बेटी हैं पुष्पम प्रिया

पुष्पम बिहार के जेडीयू नेता रहे और पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी की बेटी हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी प्लूरल्स पार्टी ने प्रथम चरण में 35 उम्मीदवार उतारे हैं. उनका कहना है कि सभी लोग नए हैं, लेकिन ऊर्जावान हैं. उनमें जीतने का जज़्बा है और उससे भी महत्वपूर्ण बिहार को बदलने का संकल्प है.

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बांकीपुर-मधुबनी से हैं मैदान में

पुष्पम प्रिया पटना की बांकीपुर सीट और मधुबनी की बिस्फी सीट से चुनाव लड़ रही हैं. मधुबनी ज़िले का बिस्फी क्षेत्र, मैथिली कवि- महाकवि विद्यापति की जन्मस्थली है. ‘प्लूरल्स पार्टी’ के प्रत्याशियों के धर्म के कॉलम में बिहारी और जाति की जगह उनका पेशा लिखा है. प्लूरल्स पार्टी ने जिनको प्रत्याशी बनाया है, उनमें ज्यादा डॉक्टर, इंजीनियर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं. चुनाव प्रचार में पुष्पम प्रिया पूरी सक्रियता के साथ नजर आ रही हैं.

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नहीं चाहतीं तुलना

प्लूरल्स की टीम जिस तरह से काम कर रही है, उसको देखते हुए मतदाता उनके, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मॉडल को अपनाने की चर्चा कर रहे हैं. बिहार की मुख्यमंत्री बनने पर अगले 10 वर्षों में प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का दावा करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी ने मीडिया से कहा कि वह नहीं चाहती कि उनकी पार्टी की तुलना किसी और दल से की जाए. 

 

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पहनती हैं सिर्फ काले कपड़े

पुष्पम प्रिया ने मार्च के महीने में अपने जनसंपर्क अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से की थी. उनका कहना है कि वह राज्य के विकास के लिए सकारात्मक राजनीति करेंगी. वैसे तो पुष्पम प्रिया काले कपड़े में नजर आती हैं क्योंकि उनका मानना है कि नेता सफेद कपड़े क्यों पहनते हैं, संविधान में कोई ड्रेस कोड नहीं बनाया गया है. जिसकी जो मर्जी वो कपड़े पहन सकता है. 

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