PICS: दरभंगा एयरपोर्ट पर कुछ यूं हुआ फ्लाइट का स्वागत, मिथिलावासियों को मिला दिवाली गिफ्ट
रविवार से ही दरभंगा से दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के तीन जोड़ी फ्लाइट भी शुरू की गई है. इसके लिए बुकिंग भी 20 सितंबर से शुरू हो गई थी. दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू से छठ मनाने अब मिथिला के लोग सीधे फ्लाइट से दरभंगा आ सकते हैं. इसके लिए उन्हें अब पटना और पटना से दरभंगा जाने की जरूरत नहीं है.
दिया गया वाटर सैल्यूट
आखिरकार मिथिलावासियों का लंबा इंतजार रविवार को खत्म हुआ और दरभंगा एयरपोर्ट से फ्लाइट सेवा भी शुरू कर दी गई. दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों से भरी पहली फ्लाइट की लैंडिंग हुई है. नई दिल्ली से 11:45 बजे पहली उड़ान दरभंगा एयरपोर्ट पर पहुंची तो पानी की बौछार के साथ सैल्यूट देकर फ्लाइट का स्वागत किया गया.
सितंबर से शुरू हुई थी बुकिंग
आपको बता दें कि रविवार से ही दरभंगा से दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के तीन जोड़ी फ्लाइट भी शुरू की गई है. इसके लिए बुकिंग भी 20 सितंबर से शुरू हो गई थी. दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू से छठ मनाने अब मिथिला के लोग सीधे फ्लाइट से दरभंगा आ सकते हैं. इसके लिए उन्हें अब पटना और पटना से दरभंगा जाने की जरूरत नहीं है.
दिपावली-छठ से पहले तोहफा
यहां तक कि 8 नवंबर के लिए सभी फ्लाइट्स की टिकट भी लगभग बुक हो चुकी थी. दरअसल, दिपावली और छठ की वजह से अभी दरभंगा आने वाले यात्रियों की तादाद जाने वाले यात्रियों के मुकाबले अधिक है. आपको बता दें कि नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इन तीनों फ्लाइट के 8 नवंबर से शुरू होने की घोषणा दो माह पहले पटना में की थी.
1400 वर्गमीटर में बना एयरपोर्ट
वायु सेना के अंतर्गत आने वाले दरभंगा एयरपोर्ट लगभग 1400 वर्गमीटर में बना है. इस हवाई अड्डे के अंतरिम टर्मिनल भवन का काम भी पूरा हो चुका है. यहां छह चेक-इन काउंटरों की व्यवस्था की गई है. आवश्यक यात्री सुविधाओं के साथ व्यस्ततम समय में 100 यात्रियों को संभालने में सक्षम है.
सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट
आपको बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. लंबे अरसे से सीएम चाहते थे कि इसका काम जल्द से जल्द पूरा हो और इसलिए वो लगातार इस पर नजर भी बनाए हुए थे.
गौरवशाली इतिहास
आपको बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट का निर्माण दरभंगा के महाराज कामेश्वर सिंह ने कराया था. उस समय उनके पास तीन विमान थे. पहले कोलकाता के लिए फ्लाइट चलती थी और उसका लाभ तब व्यापारियों को भी मिलता था.दरभंगा महराज के विमान पर बैठकर भारत और दुनिया के कई हस्ती यहां आ चुकी है. 1962 में महाराजा कामेश्वर सिंह की मृत्यु के बाद यहां से फ्लाइट बंद हो गई. उसके बाद यह एयरपोर्ट वायु सेना के अधीन चला गया. अब दोबारा से जब इस एयरपोर्ट से उड़ाने शुरू होने जा रही है तो पूरे उत्तर बिहार के लोगों में इसको लेकर जबरदस्त उत्साह है.