Jharkhand Sekkor Game: बारिश के लिए हो आदिवासी खेलते हैं सेकोर खेल, जानिए क्या है मान्यता
Jharkhand Sekkor Game: हो आदिवासी समुदाय की संस्कृति-कला और परंपराएं ही इनकी पहचान हैं. सेकोर खेल आदिवासी की तरफ खेले जाने वाला एक खेल है. दरअसल, मान्यता है कि सेकोर खेल खेलने से बारिश होती है.
कितनी टीमों में खेला जाता
सेकोर खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिनमें प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं. यह खेल कम से कम 60 मिनट तक चलता है. सेकोर खेल दो प्रकार का होता है. एक लकड़ी से खेला जाता है. दूसरा गोल पत्थर से खेला जाता है. हालांकि, आजकल हो आदिवासी लोग लकड़ी से बने सेकोर का ही यूज करते हैं.
खेल का मकसद
सेकोर खेल में खिलाड़ी एक सूती कपड़े की रस्सी से सेकोर को घुमा कर फेंकते हैं. इस खेल का मकसद विरोधी टीम के सेकोर को मारकर खेल के मैदान से बहार करना होता है. एक सेकोर को बहार निकालने पर टीम को पांच अंक मिलते हैं. खेल खतम होने पर जिस टीम के ज्यादा अंक होते है. वहीं, विजेता बनती है.
कब खेला जाता है
अप्रैल से जून के बीच जब गर्मी बढ़ जाती है, तो लोग बारिश देवता को प्रसन्न करने के लिए सेकोर खेलते हैं. यह खेल उनके लिए बारिश की शुरुआत को प्रोत्साहित करने का एक तरीका है.
दर्शकों की भीड़
सेकोर खेला जब खेला जाता है तब दर्शकों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है. जब कोई खिलाड़ी सेकोर को मारकर बहार कर देता है तो लोग तालियां बजाकर उसका हौसला बढ़ाते हैं. झारखंड में पानी की बहुत कमी है.
क्या है मान्यता जानिए
दरअसल, मान्यता है कि सेकोर खेल खेलने से बारिश होती है. जब बारिश होने पर धान की फसल अच्छे से तैयार हो जाती है. इसलिए यह खेल हो आदिवासी लोग खेलते हैं.
Paddy Cultivation During the Rainy Season
जैसे ही बारिश का मौसम शुरू होता है. आदिवासी लोग अपने खेतों में धान की खेती करने लग जाते हैं. इस धान से ही वे पूरे सालभर अपने परिवार का गुजारा करते हैं. इसलिए बारिश उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है.