77th Independence Day: पीएम मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला से देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने देश के युवाओं को बड़ा संदेश दिया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आने वाले 1000 साल का भविष्य देश के युवाओं के हाथ में है. पीएम मोदी ने कहा कि हमें याद है 1000-1200 साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ, एक छोटे से राजा पर आक्रमण हुआ. उस वक्त पता भी नहीं था कि एक छोटी सी घटना, भारत को 1000 साल की गुलामी में फंसा देगी. हम गुलामी में जकड़ते गए. जो आया लूटता गया. जिसका मन चाहा हमपर आकर सवार हो गया. कैसा विपरीत काल रहा होगा वो. घटना छोटी भले हो लेकिन 1000 साल तक उसका प्रभाव रहा है. 


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पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस घटना का जिक्र इसलिए करना चाहता हूं कि भारत के वीरों ने इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था, कोई समय ऐसा नहीं था कि जब उन्होंने आजादी की लौ को जलता ना रखा हो. मां भारती को बेटियों से मुक्त होने के लिए उठ खड़ी हुई थी. देश के युवा, किसान और मजदूर कोई ऐसा नहीं था जो आजादी के सपने को लेकर जीता ना हो. जेलों में जवानी खपाने वाले अनेक महापुरुष गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने में लगे थे. जनचेतना का वो व्यापक रूप आखिरकार 1947 में देश आजाद हुआ. 


मैं 1000 साल पहले कि बात इसलिए कह रहा हूं कि फिर एक बार देश के सामने एक मौका आया है. हम ऐसे कालखंड में जी रहे हैं, ऐसे कालखंड़ में हमने प्रवेश किया है. ये हमारा सौभाग्य है कि भारत के ऐसे अमृतकाल में या तो हम जवानी में जी रहे हैं या मां भारती की गोद में जन्म ले चुके हैं. इस कालखंड में हम जितना प्रयास करेंगे. आने वाला 1000 हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास अंकुरित होने वाला है. इस कालखंड का प्रभाव आगामी 1000 साल पर प्रभाव डालेंगे. 


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भारत का सामर्थ और विश्वास नए बुलंदियों को पार करने वाली हैं. आज देश को जी-20 समिट की महमाननवाजी का अवसर मिला है. जी20 के कार्यक्रमों ने देश के सामान्य नागरिक के सामर्थ से विश्व को परिचित कराया है. इससे भारत के प्रति दुनिया का आकर्षण बढ़ा है. दुनिया के एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अब भारत रुकने वाला नहीं है. कोरोनाकाल के बाद दुनिया एक नए सिरे से सोचने लगी है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया में एक नया वर्ल्ड ऑर्डर आकार लिया था. कोरोनाकाल के बाद एक नया वर्ल्ड ऑर्डर, नया जियो ऑर्डर, नया ग्लोबल ऑर्डर, ये बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. आप गौरव करेंगे कि बदलते विश्व को सेप देने में आज मेरे 150 करोड़ देशवासियों का सामर्थ नजर आ रहा है. आप निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं.


कोरोनाकाल में दुनिया ने हमारे सामर्थ को देखा है. कोविड ने हमें सिखाया है या मजबूर किया है कि मानवीय संवेदनाओं को छोड़कर हम विश्व का कल्याण नहीं कर सकते. आज भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बन रहा है. ग्लोबल इकोनॉमी में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है. भारत आज दुनिया में स्थिरता की गारंटी लेकर आया है. आज भारत को लेकर दुनिया के मन में इफ-बट नहीं है. अब गेंद हमारे पाले में है. हमें अवसर जाने नहीं देना चाहिए. मेरे देशवासियों में एक नीरक्षीर विवेक का सामर्थ है. 2014 में देशवासियों ने तय किया कि देश को आगे ले जाने के लिए एक मजबूत सरकार बनाई और 30 साल के अस्थिरता से मुक्ति दिलाई. देश के पास आज ऐसी सरकार है जो सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय के लिए, जनता की भलाई के लिए लगा रही है. 


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हमारे हर निर्णय का एक ही मानदंड है- नेशन फर्स्ट, राष्ट्र प्रथम. यही दूरगामि परिणाम पैदा करने वाला है. 2014 में आपने एक मजबूत सरकार बनाई. आपने ऐसी सरकार फॉर्म की तो मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई. ब्यूरोक्रेसी में परफॉर्म करके दिखाया. वह अब ट्रांसफॉर्म करने में नजर आ रहा है. दुनिया को युवाशक्ति, युवा स्किल की जरूरत है. हमने अलग से युवा स्किल मंत्रालय बनाया, जो देश-दुनिया की स्किल को पूरा करने में मदद करेगी.