Raids On Newsclick: बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में निकाले गए मार्च में मंगलवार को भाग लिया . यह मार्च वामपंथी रुझान वाले नागरिक समूह ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम के बैनर तले निकाला गया. इस मार्च में भाग लेने वालों में भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार शामिल थे. 


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जदयू नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस घटना का देश की वैश्विक छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, खासकर प्रेस की स्वतंत्रता के सम्मान पर. हम पत्रकारों को डराने-धमकाने पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हैं.’ भट्टाचार्य ने न्यूज़क्लिक परिसरों की तलाशी और उसके पत्रकारों की हिरासत के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को दोषी ठहराया. भाकपा माले नेता ने आरोप लगाया, ‘उन्हें निशाना बनाकर मोदी सरकार उन्हें अपनी ताकत के सामने झुकाना चाहती है और अन्य पत्रकारों के दिलों में भी दहशत पैदा करना चाहती है जो ईमानदारी के साथ अपना पेशा अपनाना चाहते हैं.’ 


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राजद के एक अन्य राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवानंद तिवारी ने भी कड़े शब्दों में एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि मोदी सरकार न्यूज़क्लिक के कार्यालय पर छापेमारी और उससे जुड़े पत्रकारों को हिरासत में लेकर आतंक का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा,‘मुझे यकीन है कि उनमें से कोई भी इस तरह की रणनीति से डरेगा नहीं. हम इन घटनाओं की निंदा करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इन सभी पत्रकारों की देश और समाज के प्रति प्रतिबद्धता निंदा से परे रही है. इनमें से उर्मिलेश को पटना के पत्रकारिता जगत में जाना जाता है जहां उन्होंने लंबे समय तक काम किया है. यह समझ से परे है कि इनमें से कोई भी वरिष्ठ पत्रकार इस तरह से कार्य कर सकते हैं जो राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक होगा.’ 


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राजद नेता ने कहा, ‘मोदी सरकार अगले साल लोकसभा चुनाव का सामना करने को लेकर अपनी घबराहट को छुपा रही है. इसने मुख्यधारा के समाचार चैनलों पर अपना कब्जा जमाने के बाद अब यूट्यूब पर स्वतंत्र रूप से राजनीति का विश्लेषण करने वालों पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं.’ इससे पहले भट्टाचार्य ने एक्स पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पत्रकार अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, भाषा सिंह और कई अन्य लेखकों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार के डराने-धमकाने और उत्पीड़न के अभियान का शिकार बनाया जा रहा है. असहमति की आवाजों पर इस हमले की निंदा की जानी चाहिए . भाकपा माले नेता ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर एक पोस्टर भी साझा किया जिसमें कहा गया है कि नफरत फैलाने वालों और फर्जी समाचार चलाने वालों को खुली छूट दी गई है, लेकिन अन्य पत्रकारों को धमकाया जा रहा है.


इनपुट-भाषा