रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को कहा कि चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं को लेकर उनके साथ अभी कोई बातचीत नहीं हुई है. मरांडी ने कहा कि चंपई एक मंझे हुए नेता हैं और वह अपनी आगे की राह के बारे में निर्णय खुद लेंगे. मरांडी ने कहा, ‘‘चंपई सोरेन से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है. वह एक मंझे हुए नेता हैं और झारखंड राज्य के गठन के लिए चलाये गए आंदोलन का हिस्सा रह चुके हैं. वह अपनी आगे की राह के बारे में निर्णय खुद लेंगे.’’ भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच चंपई रविवार दोपहर दिल्ली पहुंचे थे. बाद में उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने ‘‘अत्यधिक अपमान’’ झेला, जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए.


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चंपई के सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इससे संकेत मिलता है कि वह बहुत आहत हैं. जिस तरह से मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, उससे उन्होंने काफी अपमानित महसूस किया.’’ चंपई ने पोस्ट में बताया कि तीन जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक में उनसे इस्तीफा देने को कहा गया. उन्होंने कहा कि वह इस निर्देश से आहत थे, क्योंकि उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची थी. उसी बैठक में चंपई ने घोषणा की थी कि ‘‘आज से मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू होगा.’’ उन्होंने कहा कि उनके पास तीन विकल्प हैं, पहला-राजनीति से संन्यास ले लें, दूसरा-एक नयी पार्टी बनाएं और तीसरा-कोई सहयोगी मिले तो उसका दामन थाम लें.


चंपई ने कहा, ‘‘उस दिन से लेकर अब तक और आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक, इस यात्रा में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं.’’ भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त करने संबंधी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आरोपों पर मरांडी ने कहा, ‘‘इसका मतलब यह है कि वह (हेमंत) कह रहे हैं कि उनके विधायक ‘बिकाऊ’ हैं. यदि आप (हेमंत) सभी विधायकों को ‘बिकाऊ’ कहेंगे, तो कौन आपके साथ रहना चाहेगा. अगर कोई विधायक अपना दुख व्यक्त करता है, तो आपको उसकी बात सुननी चाहिए.’’ हेमंत सोरेन ने इससे पहले गोड्डा में एक सरकारी समारोह के दौरान भाजपा की आलोचना की थी और उन पर पार्टियों को अस्थिर करने और पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया था.


भाजपा नेता एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने दावा किया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में वरिष्ठ नेताओं का अनादर किया जाता है. उन्होंने ‘कोल्हान टाइगर’ के नाम से लोकप्रिय चंपई सोरेन जैसे नेताओं का सम्मान नहीं करने के लिए पार्टी की आलोचना की और कहा कि सम्मान की यह कमी झामुमो के भीतर फूट का संकेत है. उन्होंने कहा, ‘‘जब झामुमो के इतने बड़े और सबसे पुराने नेता चंपई सोरेन का सम्मान नहीं किया गया तो अन्य नेता अपनी स्थिति समझ सकते हैं.’’ उन्होंने यह भी कहा कि लोबिन हेम्ब्राम जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दिया गया.


भाजपा की झारखंड इकाई के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि अगर चंपई सोरेन भाजपा में शामिल होने की इच्छा जाहिर करते हैं, तो पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा. उन्होंने कहा, ‘‘चंपई सोरेन एक बड़े नेता हैं और उन्होंने हेमंत सोरेन की पार्टी की भ्रष्ट छवि बदलने की कोशिश की... इसलिए, हमारे नेता व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करते हैं.’’ प्रतिक्रिया में झामुमो के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने आश्वासन दिया कि पार्टी के भीतर जो भी मुद्दे हैं, उन्हें सुलझा लिया जाएगा. ठाकुर ने कहा, ‘‘झामुमो एक परिवार है और अगर कोई समस्या आती है तो उसे सुलझा लिया जाएगा.’’


इनपुट- भाषा


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