Bhagalpur Bridge Collapse: भागलपुर पुल हादसे पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज, सरकार से मांगी रिपोर्ट
इस मामले में चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी. हाईकोर्ट ने पुल का निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को भी कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है.
Bhagalpur Bridge Collapse Case: बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने के मामले में पटना हाईकोर्ट में आज यानी बुधवार (21 जून) को सुनवाई होनी है. हाईकोर्ट में अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर और ललन कुमार ने याचिकाएं दायर की थीं. इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी. हाईकोर्ट ने पुल का निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को भी कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है. इससे पहले ग्रीष्म अवकाश के चलते जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की थी.
जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने बार-बार पुल के गिरने को गंभीर मामला मानते हुए पुल का निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को कोर्ट में आने का आदेश सुनाया था. इसके अलावा बिहार सरकार से भी पुल के ध्वस्त होने की पूरी रिपोर्ट मांगी थी. हाईकोर्ट ने कंपनी से भी पुल का पूरा विवरण मांगा था. जिसमें पुल की पूरी लम्बाई, डीपीआर, मिट्टी की गुणवत्ता आदि शामिल है. बता दें कि याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है.
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याचिका में कहा गया है कि इससे पहले भी ये पुल टूटा था, लेकिन उसकी विभागीय जांच भी नहीं कराई गई. इतने कम समय में दोबारा निर्माणधीन पुल का ध्वस्त होना, इसमें भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का होना स्पष्ट प्रतीत होता है.याचिका में ये मांग की है कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाए.
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वहीं सरकार की ओर से कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. उसे ब्लैक लिस्टिंग का नोटिस भेज दिया गया है. पथ निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी ने भी अपना जवाब दे दिया है. 7-8 पन्ने में आई रिपोर्ट का अभी अध्ययन आरंभ नहीं हुआ है. आरंभिक तौर पर यह बात सामने आयी थी कि डिजाइन में गड़बड़ी की वजह से सुपर स्ट्रक्चर ध्वस्त हुआ. हालांकि, विशेषज्ञों की विधिवत रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.