Bihar 'P' Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में 'पी' पॉलिटिक्स की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बार के चुनाव में एक नई पार्टी अपना दमखम अजमाने उतरेगी. इस पार्टी के सर्वेसर्वा प्रशांत किशोर होंगे. जी हां, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने औपचारिक रूप से अपनी राजनीतिक पार्टी को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है. वह 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर औपचारिक रूप से अपनी पार्टी को लॉन्च करेंगे. पीके की तरह 2020 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्लूरल्स पार्टी अस्तित्व में आई थी. इस पार्टी की मुखिया लंदन रिटर्न्स पुष्पम प्रिया चौधरी हैं. 


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पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक 6 महीने पहले पुष्पम लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री लेकर लौटीं और आते ही बिहार की हालत बदलने की बात कहने लगीं. उन्होंने प्लूरल्स पार्टी की स्थापना की और बाकायदा अखबारों में विज्ञापन देकर अपनी पार्टी के बारे में जानकारी दी और खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया. काले कपड़े पहनने वाली पुष्पम चुनावी रण में 'पंखों वाला सफेद घोड़ा' निशान लेकर कूदी थीं. उन्होंने दो सीटों से चुनाव लड़ा और दोनों पर हार का सामना करना पड़ा. चुनाव के दौरान खूब लाइमलाइट में रहीं पुष्पम धीरे धीरे सुर्खियों से गायब हो गईं.


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वहीं पीके भी पिछले एक साल से जनता के बीच अपनी पकड़ बनाने में जुटे हैं. उन्होंने जन सुराज यात्रा के जरिए गांव-गांव में जाकर लोगों से मिलने का काम किया है. अब उन्होंने 2 अक्टूबर को पार्टी की स्थापना करने का ऐलान किया है. पीके ने बताया कि करीब एक करोड़ सदस्य 2 अक्टूबर को गांधी जयंती को मौके पर जन सुराज की नींव रखेंगे. पहले दिन 1.50 लाख लोगों को पदाधिकारी नामित करने के साथ शुरुआत करेगी. उन्होंने कहा कि जन सुराज दो अक्टूबर को राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित हो जाएगी, जिसका नाम जन सुराज पार्टी होगा. पीके का दावा है कि अगली बार बिहार विधानसभा जन सुराजियों से भरा होगा. खास बात ये है कि पीके की जनसभाओं में दूसरे दलों के नेता-कार्यकर्ता भी जा रहे हैं.