Bihar Bridge Collapse: बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बन रहा गंगा नदी पर अगुवानी पुल भरभराकर नदी के आगोश में समा गया. इस हादसे के बाद से ही बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस हादसे के बाद जहां एक तरफ नीतीश कुमार एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं वहीं उनके गठबंधन सहयोगी दलों के नेताओं के द्वारा अपने बचाव के लिए इस हादसे की जिम्मेदारी भाजपा पर थोंपने की कोशिश कर रहे हैं. आपको बता दें कि भाजपा इस हादसे के बाद से ही नीतीश के इस्तीफे की मांग कर रही है.


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ऐसे में बिहार में पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव ने इस हादसे की पीछे भाजपा का हाथ बताया तो वहीं दूसरी तरफ नीतीश सरकार के एक और मंत्री का बयान आप सुन लेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे. भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल गिरने के मामले में कैमूर के सर्किट हाउस भभुआ पहुंचे बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री मुरारी गौतम ने कहा कि कभी-कभार ऐसी घटनाएं होती रहती है, पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. प्रथम दृष्टया संवेदक दोषी पाया गया है करवाई हो रही है और जहां-जहां भी बिहार में इस कंपनी का निर्माण कार्य चल रहा है उस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा और जांच भी कराया जाएगा. 


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बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री मुरारी गौतम ने भागलपुर में निर्माणाधीन पुल ध्वस्त होने के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह सब घटनाएं कभी-कभार होती रहती हैं. निश्चित रूप से संवेदक दोषी पाए गए हैं इस पूरे प्रकरण में गुणवत्ता कि कहीं ना कहीं कमी पाई गई है. अगर अधिकारी की भी संलिप्तता पाई गई तो उनके ऊपर भी होगी कार्रवाई. जब मंत्री से पूछा गया कि बिहार में कई नदी के पूलों का टेंडर इसी कंपनी को है तो उन्होंने कहा जो पुल गिरा है उसमें हो सकता है कि गलत सीमेंट मिला हो या गुणवत्ता की कमी है. या संवेदक ने जानबूझकर ऐसा कार्य किया है. सारे बिंदु पर जांच चल रही है और कठोर कार्रवाई की जाएगी. इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करते हुए बिहार के सभी कार्यों से बेदखल किया जाएगा. 


(रिपोर्ट- नरेंद्र जयसवाल)