पटना:Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के बापू सभागार से एक बार फिर से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को उठाया. सीएम ने कहा कि अगर केंद्र सरकार नहीं सुनती है तो इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. वहीं सीएम की इस मांग को लेकर राजनीति भी अब तेज हो गई है. मुख्यमंत्री के इस बयान का राष्ट्रीय जनता दल ने भी समर्थन किया है. राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव का कहना है कि जब बिहार का बंटवारा हुआ था उस समय केंद्र में बीजेपी की सरकार थी. केंद्र की सरकार ने राज्यांश घटा दिया. जिससे सभी राज्यों पर अधिक वित्तीय बोझ पड़ रहा है. सरकार ने केंद्रांश में भारी कटौती की है. जनता के पास जाएंगे तो चुप कैसे बैठेंगे. बिहार की प्रथम महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इस मांग को उठाया था और लंबे समय से मांग उठती रही है.


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वहीं कांग्रेस ने भी सीएम नीतीश के इस बयान का समर्थन किया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ रहा है. केंद्र सरकार को इसका ख्याल रखना चाहिए. रही बात की आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो इस मुद्दे को कांग्रेस प्रमुखता से आगे करेगी. हम चाहेंगे कि 2024 चुनाव में इस मुद्दे को मेनिफेस्टो में भी हमारे इस इंडिया गठबंधन के तहत शामिल किया जाए.


वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखी टिप्पणी की है. बिहार विधान परिषद के नेता विरोधी दल हरि सहनी का कहना है कि नीतीश कुमार बिहार का विकास करना चाहते हैं या फिर से कुर्सी पाना चाहते हैं उन्हें यह तय करना होगा. केंद्र सरकार ने अभी तक जो राशि दी है उसका NOC सरकार ने केंद्र को नहीं भेजा है. कई परियोजनाएं जमीन की वजह से लटकी हुई है चाहे एम्स हो या अन्य परियोजना.


इनपुट- सन्नी


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