पटनाः Bihar Politics: बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल यानी (2 नवंबर) को नवनियुक्त शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र सौंपने वाले है. इस कार्यक्रम पर बिहार सरकार 3 करोड़ 41 लाख रुपये खर्च करेगी. कार्यक्रम में 27 जिलों से आने वाले शिक्षकों और 38 जिलों के कार्यालय पर ये राशि खर्च होगी. जिसमें शिक्षकों का बस भाड़ा और कार्यालय व्यय शामिल है. बिहार शिक्षा विभाग ने खर्च की राशि जिलों को आवंटित कर दी है. 


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'शिक्षा विभाग करोड़ों रुपए की कर रहा बर्बादी'
वहीं इसको लेकर बीजेपी ने बिहार सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा कि बिहार में जहां एक तरफ शिक्षकों को सही समय पर महीने का वेतन नहीं मिल पा रहा है. वहां शिक्षा विभाग करोड़ों रुपए की बर्बादी कर रहा है सिर्फ दिखावे के लिए, ये सब असर है लालू प्रसाद यादव और राजद के सरकार में आने का. अगर यह राशि जिस वक्त डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो रहा था उस समय व्यवस्था में दी गई होती तो शायद हजारों नवयुवक को परेशानी कम होती, तेजस्वी यादव और लालू यादव के इशारे पर ये विभाग इस तरह की गलती कर रहा है.


'भाजपा के राजनीतिक मुद्दों में केवल हिंदू मुसलमान हो सकता है'
वहीं इस मुद्दे पर जेडीयू प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार मुहैया कराना दोनों नीतीश सरकार की प्राथमिकता है और इस क्रम में कल ऐतिहासिक दिन है. ऐसे शुभ मुहूर्त पर भारतीय जनता पार्टी का इस तरह का रवैया उसका चरित्र दोहराता है. भाजपा के राजनीतिक मुद्दों में केवल हिंदू मुसलमान, इंडिया-पाकिस्तान हो सकता है. कोई सकारात्मक काम होता है तो उनके पेट में दर्द होने लगता है.


'बीजेपी को लग रही है मिर्ची'
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि जब तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियां की बात की थी तब बीजेपी मखौल उड़ा रही थी. जिस दिन से INDIA गठबंधन की सरकार बिहार में बनी है लगातार बहाली हो रही है और जब तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र देना शुरू कर दिए तो बीजेपी को मिर्ची लग रही है. गांधी मैदान में 1 लाख से अधिक शिक्षकों को एक दिन नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. इसके अगेंस्ट में देश के पीएम मात्र 50 हजार बांटेंगे.


'बिहार सरकार ने किया शिक्षक नियुक्ति का कार्य'
वहीं आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार सरकार ने जो शिक्षक नियुक्ति का कार्य किया है. उससे बीजेपी में बेचैनी है. बीजेपी को बताना चाहिए कि 2 करोड़ हर साल रोजगार देने का वादा किए थे, 9 साल हो गए लेकिन 18 करोड़ रोजगार के बदले 7 लाख 22 हजार 131 दिया गया है.  


इनपुट- निषेद कुमार 


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