सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 रद्द होने पर रोक? SHO की पोस्टिंग पर रोक, क्या है वजह?
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सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 रद्द होने पर रोक? SHO की पोस्टिंग पर रोक, क्या है वजह?

Rajasthan SI Exam Cancellation: सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 में कदाचार के आरोप लगे थे, जिसके कारण अभ्यर्थियों ने इसे रद्द करने की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था.

सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 रद्द होने पर रोक? SHO की पोस्टिंग पर रोक, क्या है वजह?

RPSC SI Recruitment: राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने कथित पेपर लीक की घटनाओं के कारण राजस्थान सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 को रद्द करने की सिफारिश की है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय के माध्यम से राज्य सरकार को एक औपचारिक प्रस्ताव भेजा गया है. हालांकि, आज होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक स्थगित होने के कारण निर्णय में देरी हो गई है.

आरपीएससी सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 में कदाचार के आरोप लगे थे, जिसके कारण अभ्यर्थियों ने इसे रद्द करने की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था. याचिकाकर्ताओं ने राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने ट्रेनिंग पूरा कर चुके 850 एसएचओ की नियुक्ति पर रोक लगा दी. जब तक आगे कोई निर्णय नहीं हो जाता, तब तक ये उम्मीदवार अधर में लटके रहेंगे.

उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप ऐसी खबरों के बीच आया है कि परीक्षा पास करने वाले 50 अभ्यर्थियों को पेपर लीक में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उनमें से 26 को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, लेकिन न्यायालय के स्थगन से यह सुनिश्चित हो गया है कि मामले के सुलझने तक पोस्टिंग आगे नहीं बढ़ेगी.

परीक्षा पुनः आयोजित करने का प्रस्ताव

राजस्थान पुलिस के प्रस्ताव में विवादास्पद परीक्षा को रद्द करने और पात्र उम्मीदवारों के लिए इसे नए सिरे से आयोजित करने का सुझाव दिया गया है. इस मामले को आज की कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन स्थगन का मतलब है कि इसमें और देरी होगी.

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का समर्थन करने वाले मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने पुष्टि की कि प्रस्ताव की एक प्रति उनके साथ शेयर की गई थी. मामला सामने आने के बाद से ही वे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता के बारे में मुखर रहे हैं.

परीक्षा को रद्द करने और फिर से आयोजित करने का निर्णय पूरी तरह से राज्य मंत्रिमंडल के पास है, क्योंकि राजस्थान लोक सेवा आयोग इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकता. इस देरी के कारण प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी और नियुक्त एसएचओ दोनों ही अपने भविष्य को लेकर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं.

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