पटना: बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा है कि शिक्षा के प्राचीन केंद्र विक्रमशिला विश्वविद्यालय को एनडीए सरकार गौरवशाली बनाएगी. विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर विक्रमशिला विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार किया जाएगा. चौधरी ने शनिवार को कहा कि 400 वर्षों से अधिक समय तक पूरी दुनिया में इस संस्थान ने शिक्षा का अलख जगाया. इस विश्वविद्यालय को मुस्लिम आक्रांता बख्तियार खिलजी ने 12वीं सदी में नालन्दा विश्वविद्यालय की तरह ही विध्वंस कर दिया था. राज्य कैबिनेट से आधुनिक परिपेक्ष्य में इसके विकास और पुनरुद्धार के लिए जमीन की स्वीकृति मिलने के बाद यहां विकास का काम तेज होगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा कि विक्रमशिला भारत ही नहीं दक्षिण-पूर्व एशिया सहित दुनिया का एक प्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र (विश्वविद्यालय) था. नालंदा विश्वविद्यालय और विक्रमशिला दोनों पाल राजवंश के राज्य काल में शिक्षा के लिए विश्व प्रसिद्ध थे. वर्तमान समय में बिहार के भागलपुर जिले का अंतीचक गांव वहीं है जहां विक्रमशिला विश्वविद्यालय था. इसकी स्थापना आठवीं शताब्दी में पाल राजा धर्मपाल ने की थी. प्रसिद्ध पंडित अतीश दीपंकर यहीं शिक्षा ग्रहण करते थे.


चौधरी ने कहा कि यहां पर लगभग 160 विहार थे, जिनमें अनेक विशाल प्रकोष्ठ बने हुए थे. विश्वविद्यालय में सौ शिक्षकों की व्यवस्था थी. नालन्दा की भांति विक्रमशिला विश्वविद्यालय का भी गौरवशाली इतिहास रहा है. इसके प्राचीन गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए एनडीए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में भागलपुर में विक्रमशिला विश्वविद्यालय ऐतिहासिक स्थल के पास केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर भूमि अधिग्रहण के लिए 87 करोड़ 99 लाख रुपए की स्वीकृति मिल गई है. कहलगांव अनुमंडल स्थित अंतीचक में ऐतिहासिक विक्रमशिला महाविहार है. अभी इसका भग्नावशेष बचा है. इसके गौरव को वापस लौटाने की मांग यहां के लोग करते रहे हैं.


इनपुट- आईएएनएस


ये भी पढ़ें- Bihar Politics: जीतन राम मांझी ने बढ़ाई नीतीश-BJP की टेंशन! विधानसभा की 25 सीटों पर ठोका दावा