Bihar Road Cunstruction Curruption: भ्रष्टाचार के मामले में बिहार का नाम देश ही पूरी दुनिया में मशहूर है. चारा घोटाले से लेकर रेलवे भर्ती घोटाले तक में राजद अध्यक्ष लालू यादव समेत तकरीबन उनका पूरा परिवार बुरी तरह से फंसा हुआ है. भ्रष्टाचार के मामले में लालू यादव कई साल जेल तक काट चुके हैं. प्रदेश की इतनी बुरी छवि के बावजूद भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बिहार की महागठबंधन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती नजर आ रही है. प्रदेश में अब कथित भ्रष्टाचार का एक नया मामला सामने आया है. इसमें लाखों रुपये में बनी सड़क सूखे पापड़ की तरह उखड़ गई. 


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ये मामला लखीसराय से सामने आया है. सुशासन बाबू की सरकार में इन दिनों सड़क निर्माण के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार होने का आरोप लग रहा है. लोगों का कहना है कि अफसर और ठेकेदारों के भ्रष्टाचार का सिंडीकेट जीरो टांलरेंस वाली सरकार पर हावी है. दरअसल, लखीसराय जिले सूर्यगढ़ा प्रखंड में बोड़ना से बन्नू बगीचा ब्लॉक बाउन्ड्री जाने वाली 1.165 किलो मीटर सड़क का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा कराया गया. सड़क निर्माण में मानकों को ताक पर रखकर भ्रष्टचार को अंजाम दिया गया है. नतीजा 63 लाख से बनने बाली सड़क महज कुछ महीनों के अंदर ही हाथ और वाहनों से उखड़ने लगी है. 


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जी न्यूज के कैमरे ने इन तस्वीरों को कैद किया. एक शख्स ने बड़े आराम से अपने हाथों से सड़क उखाड़ दी. सड़क पापड़ की तरह आराम से उखड़ गई. इस सड़क को बनाने में तकरीबन 63 लाख की लागत आई. इतनी बड़ी राशि से बनने वाली एक किलो लंबी सड़क हाथ लगाते ही पापड़ की तरह उखड़ गई. इस पर स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण में बड़े लेवल पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया. लोगों का कहना है कि सड़क बनाने की आड़ में अफसर और ठेकेदार सरकारी पैसे को लूटने में लगे हैं. 


स्थानीय ग्रामीणों ने विभाग के अफसरों और संवेदक पर सांठगांठ का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कहा कि हाथ से उखड़ रही सड़क भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है. भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में सड़क निर्माण की आड़ में विभागीय इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर लाखो का बंदरवाट कर रहे हैं. सड़क की आड़ में भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाला ठेकेदार अफसरों की सरपरस्ती में फल फूल रहा है. 63 लाख की लागत से बन रही सड़क बनते ही उखड़े लगी. उधर, अफसर इसे ठीक कराने का दावा कर रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं. 


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इससे पहले मधुबनी में 64 लाख की लागत से बनी सड़क महज एक साल में ही जर्जर होने की खबर सामने आई थी. जानकारी के मुताबिक, बिस्फी प्रखण्ड के सतलखा पीठो चौक से ढेलफोरबा गांव में डेढ़ किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया गया, लेकिन 64 लाख की लागत से बनी सड़क सिर्फ एक साल में ही जर्जर हो चुकी है. सालों तक मांग करने के बाद एक सड़क भी नसीब हुई तो वो भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. आलम ये है कि अब एक बार फिर करीब तीस हजार की आबादी जर्जर सड़क से परेशान हो रहे हैं. बता दें कि प्रदेश में सड़क निर्माण विभाग डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास है. यह घटना सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार की बेदाग छवि को भी खराब करने का काम कर रही है. 


रिपोर्ट- राज किशोर मधुकर