Bihar Political News: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 6 नवंबर से 10 नवंबर तक बिहार विधानसभा का सत्र बुलाया है. इसको लेकर अब राजनीति शुरू हो चुकी है. बीजेपी ने इस पर नाराजगी जाहिर की है. बीजेपी नेता और बिहार विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष ने सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा का कार्यक्रम जारी कर संदेश दिया है कि सनातन धर्म के पर्व त्योहार की इन्हें चिंता नहीं है. सामान्य रूप से यह सत्र दीपावली और छठ पर्व के बाद नवंबर के अंतिम सप्ताह अथवा दिसंबर के पहले पखवाड़े में संपन्न होता था, लेकिन इस बार सरकार ने तुष्टिकरण की नीति पर हिंदुओं के पर्व त्योहारों की उपेक्षा की है.


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विजय सिन्हा ने इस सत्र के इतने छोटे होने पर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि विधायिका को महत्वहीन और अपमानित करना सरकार की आदत बन गई है. उन्होंने कहा कि सरकार पर जनहित के मुद्दों को रोकने के लिए षडयंत्र के तहत शीतकालीन सत्र को छोटा कर दिया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ पांच दिन के सत्र में विधायक अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जिन विभागों की जिम्मेदारी उनसे संबंधित प्रश्न नहीं पूछ सकेंगे. इस सत्र में गृह, सामान्य प्रशासन एवं मंत्रिमंडल सचिवालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों से प्रश्न नहीं लिए जाएंगे.


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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये सभी विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है. राज्य में बढ़ रही हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म और अपहरण जैसे मामलों में प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे क्योंकि ये गृह विभाग से संबंधित हैं और यह मुख्यमंत्री के अधीन है. विजय सिन्हा ने कहा कि विधानसभा कार्यालय 21 से 24 अक्टूबर तक बंद है. 25 अक्टूबर को ही 3 बजे अपराह्न तक शिक्षा, उत्पाद मद्य निषेध, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास, भवन निर्माण, जल संसाधन, पथ निर्माण जैसे अति महत्वपूर्ण विभागों के प्रश्न डालने की तिथि है. अधिकांश विधायक प्रश्न डालने से वंचित हो जाएंगे क्योंकि 24 अक्टूबर को विजयादशमी के अगले दिन समय पर पटना आना संभव नहीं है.