Jharkhand Cabinet Meeting: 12 मार्च, दिन मंगलवार को झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. इस पर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड के हित के मांग को लेकर हम लोग राष्ट्रपति भवन जाने वाले थे. साल 1932 खतियान, सरना धर्म कोड, 27% आरक्षण की बात है. झारखंड के आदिवासी मूलवासी के अस्तित्व का बात है. तभी जाकर झारखंड अस्तित्व पा सकता है. आज ये सुन के बड़ा चिंता का विषय बन गया, लेकिन हमलोग इस बात को रखने के प्रयास में रहेंगे और समय मांगते रहेंगे.


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सीएए (CAA) पर उन्होंने कहा कि 2019 में ये पारित हो चुका है. अब लागू हो रहा है. चुनाव को देखते हुए किया गया है, क्योंकि कोई ऐसा काम नहीं किया है. इसलिए उसकी सरकार का ये कुछ नया चीज लोग समझे उस तरह की बात है. वहीं, विधायक अंबा प्रसाद के ठिकानों पर पड़ी प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस पर कुछ नहीं कहेंगे.


झारखंड कैबिनेट की बैठक में कई प्रस्तावों पर मोहर लगी. इसमें लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे पंचायत स्वयंसेवक कर्मियों के हित में भी फैसला लिया गया. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमारे पंचायत में जो स्वयंसेवक का बहाली हुआ था. उसकी हेल्प डेस्क का नाम देते हुए पंचायत सचिव का नाम देते हुए जो लोग कार्यरत थे, हार पंचायत में तीन से चार लोग कार्यरत थे. उनको हम लोगों ने एक मानदेय देने का काम किया है. आज के कैबिनेट में इसकी शुरुआत की गई है उनका मानदेय 2500 दिया जायेगा. 


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मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि दूसरी योजना में तीर्थ स्थान के लिए राज्य के भीतर और राज्य के बाहर जो यात्रा है. वह लोगों को साल में एक बार देने के लिए भी योजना तैयार की गई. विधायक अंबा प्रसाद के ठिकानों पर पड़े रेड पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इसका जवाब ईडी देगी की क्या मामला है? हो सकता है हम कुछ कहें तो हमारे घर भी रेड पड़ जाए?


मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आज हमने मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री के सामने पिछड़े गरीब बच्चों के प्रमाण पत्र न बनने की बात रखी है. मुख्यमंत्री ने भी मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.


रिपोर्ट: तनय खंडेलवाल