Champai Soren: झारखंड की राजनीति में कुछ नया होने जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें के बीच उनका एक भावनात्मक पोस्ट इस अटकलें को बल दे रहा है. पोस्ट यह कहने के लिए काफी है कि चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा में खुश नहीं है और मुख्यमंत्री होने के दौरान पार्टी द्वारा उनकी अपेक्षा कर अपमान किया गया. चंपई सोरेन ने जब झारखंड मुक्ति मोर्चा पर गंभीर आरोप लगाए तो राज्य की सियासत गर्मा गई. इसी बीच सवाल अभी भी यह है कि क्या चंपई सोरेन अब भारतीय जनता पार्टी के जरिए अपना राजनीतिक सफर तय करेंगे?


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इसको लेकर कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा का कहना है कि चंपई सोरेन संघर्षों से बने हुए साथी है. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की नींव रखी थी. जो व्यक्ति संघर्ष से बड़ा है वो वह कभी टूटता नहीं है और जो टूट गया, वह संघर्षों से नहीं बना. असम से बीजेपी के नेता झारखंड आ रहे हैं और पार्टी तोड़ने का काम कर रहे हैं आदिवासियों को ठगने का काम कर रहे हैं.


जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने भी कहा कि एनडीए आज सबसे कमजोर स्थिति में है, इसलिए उन्हें लग रहा है कि उन्होंने बड़ी चीज हासिल कर ली है. जब चोट लगती है तो दर्द तो होता ही है. जो अपने लोग दूर होते हैं तो दुख होता है. वह हमारे पार्टी के सीनियर नेता है हम आज भी उनकी इज्जत करते हैं. लेकिन वह ऐसा कदम क्यों उठा रहे हैं. यह नहीं मालूम. मगर, यह बात साफ है कि यह आत्मघाती कदम है. इस से पार्टी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.


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इस पर बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि चंपई सोरेन का पोस्ट बेहद मार्मिक था. उसे पोस्ट से पता चलता है कि पार्टी के अंदर क्या स्थिति है और वह कितने आहत हुए हैं. उसे पोस्ट से पता चल रहा है की उन्हें कितना घाव हुआ है और अब इस घाव पर मरहम लगाने का काम बीजेपी करेगी.


रिपोर्ट: धीरज ठाकुर


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