Bihar Politics: साल 2023 बस अब कुछ घंटों का ही मेहमान बचा है. उसके बाद नए साल 2024 का आगमन हो जाएगा. ऐसे में हर कोई नए जोश, उर्जा और उत्साह के साथ साल 2024 का स्वागत करने के लिए तैयार है. न्यू ईयर पर लोग नए रेजोल्यूशन बनाते हैं और नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ने का प्रण लेते हैं. देश की राजनीति के लिए आने वाला वर्ष यानी 2024 काफी खास है. इसी साल देश में लोकसभा चुनाव होना है. इसके अलावा हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर सहित तमाम राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होंगे. 


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बिहार की राजनीति में तो अभी से ही हलचल देखने को मिल रही है. लिहाजा, नए वर्ष का पहला महीना यानी जनवरी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाला है. सत्ताधारी दल जेडीयू में मची उथल-पुथल आरजेडी को भी प्रभावित कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अगला कदम डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का भविष्य निर्धारित करेगा. इन सबके अलावा 2024 में बिहार में कुछ अविवाहित नेता घर-गृहस्थी भी बसा सकते हैं. 


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चिराग पासवान- बिहार के कुंवारे नेताओं में सबसे पहला नंबर चिराग पासवान का आता है. दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान अभी तक कुंवारे हैं. वह मौजूदा समय में जमुई से सांसद हैं. बिहार की राजनीति के वह भविष्य माने जाते हैं. 2024 में उनका राजनीतिक जीवन और पर्सनल लाइफ दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है. 


प्रिंस राज- चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज भी अभी तक कुंवारे हैं. वह मौजूदा समय में समस्तीपुर सीट से सांसद हैं. प्रिंस अपने पिता रामचंद्र पासवान के निधन के बाद इस सीट से सांसद चुने गए थे. इसके अलावा वह अपने चाचा पशुपति पारस की पार्टी में बिहार इकाई के अध्यक्ष हैं. देखना होगा कि क्या प्रिंस राज अगले साल यानी 2024 में गृहस्थ जीवन शुरू करेंगे या नहीं. 


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पुष्पम प्रिया चौधरी- साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लाइमलाइट में आईं द प्लूरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी भी बिहार के मोस्ट बैचलर लीडर्स की लिस्ट में आती हैं. लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस विषय से मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की दूसरी स्नातकोत्तर डिग्री ली है. हालांकि बिहार की राजनीति में उनका पैनापन नजर नहीं आया.


मनीष कश्यप- सन ऑफ बिहार के नाम से मशहूर मनीष कश्यप को आज बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है. मनीष हाल ही में पटना की बेऊर जेल से रिहा हुए हैं. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई का वीडियो वायरल करने के मामले में मनीष पिछले 9 महीने से जेल में बंद थे. इस मामले में मनीष पर बिहार और तमिलनाडु में कई मामले दर्ज हैं. जेल से बाहर आने के बाद मनीष एक बार फिर से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ हमलावर नजर आ रहे हैं. मनीष भी अभी तक कुंवारे हैं. 


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श्रेयसी सिंह- बीजेपी विधायक श्रेयसी सिंह का नाम भी बैचलर्स लीडर की लिस्ट में शामिल है. राष्ट्रमंडल खेलों में शूटिंग की फील्ड में गोल्ड मेडल जीत चुकीं श्रेयसी सिंह ने 2019 में बीजेपी ज्वाइन की थी और आज बीजेपी विधायक हैं. वह गिधौर (बिहार) के शाही परिवार से आती हैं. उनके पिता स्वर्गीय दिग्विजय सिंह और माता पुतुल कुमारी दोनों सांसद रह चुके हैं. उनके पिता अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बने थे. श्रेयसी को शूटिंग भी विरासत में मिली है. उनके पिता दिग्विजय सिंह और दादा सुरेंद्र सिंह दोनों राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष थे.