पटना: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पशुपति पारस की बातों को गंभीरता से न लिया जाए क्योंकि वह कभी एनडीए का हिस्सा नहीं रहे. चिराग ने कहा कि पशुपति पारस एनडीए में थे ही नहीं, तो वह एनडीए छोड़ने की बात क्यों कर रहे हैं. जब वह कभी एनडीए का हिस्सा नहीं थे तो उनके बयानों का कोई महत्व नहीं है. चिराग का यह बयान उनके चाचा के खिलाफ एक कठोर प्रतिक्रिया मानी जा रही है, खासकर जब वह एनडीए छोड़ने की बात कर रहे थे.


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चिराग ने एनडीए को लेकर अपने विश्वास को भी दोहराया और झारखंड और महाराष्ट्र में पार्टी की सफलता की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल अपनी जगह ठीक हो सकते हैं, लेकिन हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि झारखंड और महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार बनेगी. दोनों राज्यों में एनडीए को जनता का आशीर्वाद मिल चुका है. चिराग ने यह भी बताया कि जब वह चुनाव प्रचार के दौरान झारखंड गए थे, तब वहां बदलाव की हवा बह रही थी. साथ ही महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार पहले से ही है और यह सरकार मजबूत रहेगी.


चिराग पासवान ने बिहार के विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के एक बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. तेजस्वी यादव ने बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर अपने योगदान का दावा किया था, जिस पर चिराग ने कहा कि यह सब उन्हीं के समय में हुआ है जो काम हो रहा है, वह उन्हीं के द्वारा किया गया था. बिहार में तो जैसे होड़ लगी हुई है. चिराग ने यह भी कहा कि 2005 के बाद से बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने से जॉब के अवसर बढ़े हैं.


चिराग ने तेजस्वी यादव पर भी आरोप लगाया कि उन्हें यह बताना चाहिए कि बिहार से पलायन की शुरुआत कब हुई और इसके लिए जिम्मेदार कौन था. उन्होंने कहा कि तेजस्वी को यह बताना चाहिए कि बिहार से पलायन क्यों हुआ. यह समस्या उनके कार्यकाल के दौरान शुरू हुई थी. चिराग ने यह भी कहा कि जनता अब हमारे साथ है और हम उनकी आवाज़ का सम्मान करते हैं. साथ ही चिराग के ये बयान ना केवल उनके चाचा के साथ उनके रिश्ते को लेकर सवाल उठाते हैं, बल्कि उन्होंने बिहार और अन्य राज्यों में एनडीए की सफलता को लेकर भी आत्मविश्वास जताया है.


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