पटना: बिहार की राजनीति में  मंगलवार को कुछ बड़ा होने वाला है. ऐसी संभावना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 साल बाद एक बार फिर से पाला बदल सकते हैं. आरसीपी सिंह प्रकरण के बाद  जदयू ने मंगलवार को अपने सभी विधायकों और सांसदों की आपात बैठक बुलाई है. बैठक में नीतीश कुमार भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने पर फैसला ले सकते हैं. विधायकों और सांसदों के साथ होने वाला इस बैठक को लेकर जदयू एहतियात भी बरत जा रही है. पार्टी के विधायकों को मीडिया से बात करने और मीटिंग में फोन लेकर जाने पर रोक लगा दी गई है.


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भाजपा कोटे के सभी मंत्रियों को किया जाएगा बर्खास्त 
वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार बचाने में जुट गई है. बिहार में NDA सरकार बचाने की कमान गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली है. इसी कड़ी में अमित शाह ने सोमवार देर रात नीतीश कुमार से फोन पर बात की. दोनों नेताओं के बीच करीब 6 मिनट तक बातचीत हुई. हालांकि दोनों के बीच क्या  बातचीत हुई, ये बात अभी सामने नहीं आया है. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार अगर बिहार में एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला करते हैं, तो कैबिनेट से भाजपा कोटे के सभी मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया जाएगा. बता दें कि नीतीश कुमार ने 2013 में भी ऐसा ही किया था.


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दूसरे दौर की बैठक में NDA पर फैसला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 बजे पटना के CM हाउस एक अन्ने मार्ग में अपने विधायकों और सांसदों  बैठक के लिए बुलाया है. इस बैठक में नीतीश कुमार सबसे पहले जदयू के सभी 16 सांसदों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद दूसरे दौर में वो पार्टी के विधायकों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में बिहार की मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी.  इस बैठक में ही नीतीश कुमार ये फैसला लेंगे कि उनकी पार्टी  NDA में रहेगी या नहीं.