Opposition Meeting: पटना में चल ही विपक्षी दलों की महाबैठक के बीच बड़ी खबर निकलकर आई है. पहले बताया जा रहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक नियुक्त किया गया है पर यह खबर गलत निकली. इस तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी गलत साबित हो गई. बैठक में नीतीश कुमार ने कहा, लोकतंत्र को बचाने के लिए बीजेपी के खिलाफ विरोधी दलों का साथ आना जरूरी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, शिवसेना उद्धव गुट के नेता उद्धव ठाकरे, महबूबा मुफ्ती आदि मौजूद रहे. 


ये भी पढ़ें : PM मोदी ने कहा था- जो हम नहीं कर पाए वो ED ने कर दिखाया, क्या डर से एकजुट हुआ विपक्ष


बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए से बाहर निकलने के साथ ही विपक्षी एकजुटता की कवायद शुरू कर दी थी. उनके पहले दिल्ली दौरे में तो कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी थी लेकिन दूसरी बार अप्रैल में जब वे दिल्ली आए थे तो फिजा बदली-बदली सी थी. मल्लिकार्जुन खड़गे से उनका मिलने का कार्यक्रम था, लेकिन बीच में राहुल गांधी भी पहुंच गए. उसी बैठक में उन्हें विपक्षी दलों से बातचीत करने का जिम्मा सौंपा गया. उस बैठक से नीतीश कुमार को बुस्टर डोज मिला और वे फिर अपने मिशन में लग गए.


ये भी पढ़ें :पटना में विपक्षी एकता नहीं, फोटो सेशन के लिए हो रही बैठक, अमित शाह का बड़ा हमला


एक महीने से कम समय में सीएम नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव, ओडिशा में नवीन पटनायक, महाराष्ट्र में एनसीपी नेता शरद पवार और शिवसेना उद्धव गुट के उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. हालांकि सीएम नीतीश कुमार को ओडिशा के सीएम से मुलाकात का सकारात्मक नतीजा नहीं निकला, फिर भी वे हार नहीं मानें. ममता बनर्जी से मुलाकात में नीतीश कुमार को पटना में विरोधी दलों की बैठक बुलाने का आइडिया मिला और वे इस पर शिद्दत से जुट गए. और आज वो समय भी है, जब बैठक में सीएम नीतीश कुमार को विरोधी दलों में समन्वय के लिए संयोजक बनाने के लिए सभी दल सहमत हो गए हैं.