भय बिनु होत न प्रीत: पीएम मोदी ने कहा था- जो हम नहीं कर पाए वो ED ने कर दिखाया, क्या डर से एकजुट हुए विपक्षी दल?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1750601

भय बिनु होत न प्रीत: पीएम मोदी ने कहा था- जो हम नहीं कर पाए वो ED ने कर दिखाया, क्या डर से एकजुट हुए विपक्षी दल?

बजट सत्र में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव के जवाब में कहा था कि जो काम देश के मतदाता नहीं कर पाए, वो ईडी ने कर दिखाया. तो क्या पीएम मोदी विपक्षी दलों की एकता को भांप गए थे?

पीएम मोदी

PM Modi On Opposition Unity: पटना में सीएम नीतीश कुमार के आवास पर विपक्षी दलों की महाबैठक जारी है. महाबैठक को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि यह बैठक लोकतंत्र को बचाने के लिए और संविधान को बचाने के लिए आयोजित की गई है. विपक्षी दलों के नेता बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या करने और पीएम मोदी पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं. कई नेताओं का तो यहां तक कहना है कि अगर अगले साल भी बीजेपी जीत गई तो 2024 का चुनाव देश का अंतिम चुनाव होगा और फिर कभी चुनाव नहीं हो पाएगा. यह कहकर विपक्षी नेता लोगों में बीजेपी और पीएम मोदी पर लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन क्या विपक्षी दलों की महाबैठक इसलिए हो रही है. आपको याद होगा, बजट सत्र में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव के जवाब में कहा था कि जो काम देश के मतदाता नहीं कर पाए, वो ईडी ने कर दिखाया. तो क्या पीएम मोदी विपक्षी दलों की एकता को भांप गए थे? क्या ईडी के डर से ही विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं? आइए जानते हैं कि विपक्ष के कौन कौन से नेता ईडी के रडार पर हैं. 

क्या डर से एकजुट हुआ विपक्ष?

डीके शिवकुमार: सबसे पहले 3 सितंबर 2019 को ईडी ने गिरफ्तार किया था. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने उसी साल के अक्टूबर महीने में उन्हें जमानत दे दी थी. पिछले साल यानी 2022 में ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 

संजय राउत: गोरेगांव में पात्रा चॉल स्कैम के आरोप में शिवसेना सांसद संजय राउत को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. 2022 के ही नवंबर में संजय राउत जमानत पर बाहर निकले थे. 

हेमंत सोरेन: अवैध खनन के मामले में ईडी सीएम हेमंत सोरेन से कई बार पूछताछ कर चुकी है. पिछले साल नवंबर में रांची स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उनसे पूछताछ की गई थी. 

ये भी पढ़ें- Opposition Meeting: राहुल-खड़गे को CM नीतीश कुमार ने खुद रिसीव किया, बाकी नेताओं को क्यों नहीं, क्या इससे विपक्षी एकता को खतरा नहीं?

सोनिया गांधी-राहुल गांधी: नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े केस में ईडी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई बार पूछताछ कर चुकी है. 

नवाब मलिक: पिछले साल 23 फरवरी को महाराष्ट्र के तत्कालीन मंत्री नवाब मलिक को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन पर दाउद इब्राहिम की प्राॅपटी से जुड़े मामलों को लेकर मनी लांड्रिंग का केस है. अब भी वे जेल में हैं. 

अभिषेक बनर्जी: ईडी पश्चिम बंगाल में कोयला घोटाले की जांच कर रहा है. इस मामले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी से कई बार पूछताछ हो चुकी है. उनके निवास पर रेड भी डाली गई थी.

सत्येंद्र जैन: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लांड्रिंग के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं. 30 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

मनीष सिसोदियाः आम आदमी पार्टी के नंबर-2 नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें ईडी ने शराब घोटाले केस में गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: विपक्षी बैठक पर जीतन राम मांझी का तंज, बोले- अभी PM पद की कोई वैकेंसी नहीं

फारुक अब्दुल्ला: जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के 45 करोडत्र रुपये के घोटाले में ईडी ने पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की संपत्तियां कब्जे में ले ली थीं. पिछले साल अगस्त में उनकी पेशी भी हुई थी. 

अनिल देशमुख: एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी. 

अनिल परब: शिवसेना नेता अनिल परब के खिलाफ ईडी मनी लांड्रिंग का केस चला रही है. ईडी ने इस मामले में 10.20 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की थी.

Trending news