झारखंड में सियासी बवाल जारी, ED की कार्रवाई को लेकर एक बार फिर खड़ा हुआ तूफान
झारखंड की सियासत में ED पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. खनन घोटाला, ज़मीन घोटाला की जांच की जद में झारखंड में कई बड़े नेता, अधिकारी, व्यापारी और ब्रोकर हैं.
रांची: झारखंड की सियासत में ED पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. खनन घोटाला, ज़मीन घोटाला की जांच की जद में झारखंड में कई बड़े नेता, अधिकारी, व्यापारी और ब्रोकर हैं. इसी बीच छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को खौफ का माहौल पैदा न करने की नसीहत दी तो एक बार फिर झारखंड के सत्ताधारी दल ने ईडी को कटघरे में खड़ा कर दिया.
प्रवर्तन निदेशालय पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के बाद JMM प्रवक्ता मनोज पांडे ने एक बार फिर ईडी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार थी, ईडी उस समय भी काम करती थी लेकिन वर्तमान की केंद्र सरकार में ईडी सिर्फ वैसे राज्यों में कार्रवाई करती है जो बीजेपी शासित राज्य नहीं है. बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति भाजपा के साथ चले जाते हैं उस पर कार्रवाई नहीं होती है. भाजपा शासित प्रदेश में ईडी की कोई एक्टिविटी नहीं दिखती है. क्या वहां कोई घोटाले नहीं होते हैं? क्या वहां धनशोधन नहीं हो रहा है?
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इधर बीजेपी के प्रवक्ता पर्तुल शहदेव ने ईडी की कार्रवाई को सही बताते हुए कहा कि जो भ्रष्टाचारी हैं उनको डर होना चाहिए. क्योंकि यह नरेंद्र मोदी का न्यू इंडिया है, न खाएंगे न खाने देने की परंपरा है.
वही कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भी भारतीय जनता पार्टी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 2014 के बाद से लगातार जिस राज्य में भारतीय जनता पार्टी चुनाव हारी है. उस राज्य में ED को आगे किया है. विपक्ष के नेताओं को डराने धमकाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है. एक भय का वातावरण पैदा किया जा रहा है. विकास को बाधित किया जा रहा है. उसी राज्य में ED को भ्रष्टाचार नज़र आते हैं जिस राज्य में ग़ैर भाजपा शासित सरकार है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जो निर्णय लिया है इससे साफ़ है भारतीय जनता पार्टी कि नीति साफ़ हो चुकी है.