झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर तीसरी बार शपथ ले ली है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने हेमंत सोरेन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. जमीन घोटाले में ईडी की जांच और गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन को पद से इस्तीफा देना पड़ा था. हेमंत सोरेन पहली बार डेढ़ साल, दूसरी बार 4 साल 33 दिन तक सीएम रहे थे. अब उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इससे पहले हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था और खुद के पास 45 विधायकों के समर्थन का पत्र भी राज्यपाल को पेश किया था. अब एक बार फिर झारखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद जाहिर है कि झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में वे पार्टी और इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करेंगे.


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हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद इंडिया ब्लॉक के विधायक दल ने सर्वसम्मति से कोल्हान के टाइगर चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना था और उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. एक दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा था.


हेमंत सोरेन पहली बार 2013 में मुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद 2019 में झामुमो कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार में वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे. झारखंड में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले वे तीसरे नेता होंगे. ​इससे पहले हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन और भाजपा के अर्जुन मुंडा भी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में तीन-तीन बार शपथ ले चुके हैं.


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ईडी ने जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था, उससे पहले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद चंपई सोरेन को 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. हेमंत सोरेन को 5 महीने बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली तो 28 जून को वे जेल से निकले और एक हफ्ते के भीतर अब मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.