झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा में विश्वासमत जीत लिया है. यह चौथी बार है जब हेमंत सोरेन ने विश्वास मत का प्रस्ताव जीता है. विश्वास मत के पक्ष में 45 तो विपक्ष में शून्य मत डाले गए. विश्वास मत के प्रस्ताव पर बहस के बाद मत परीक्षण के समय विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया. इस कारण विपक्ष में शून्य मत गिने गए. इस तरह हेमंत सोरेन ने चौथी बार विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है. विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव जीतने के बाद सोमवार शाम को ही हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं.


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81 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों का मौजूदा स्ट्रेंथ 76 है और बहुमत के लिए 39 मतों की जरूरत थी. हेमंत सोरेन ने 3 जुलाई को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के पास दावा पेश करते वक्त 44 विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा था, जबकि सरकार के पक्ष में 45 वोट डाले गए हैं. सीपीआई एमएल के एक विधायक का भी सरकार को समर्थन प्राप्त है. दूसरी तरफ एनडीए के पास केवल 27 विधायक हैं.


पहली बार 2013 में सीएम बनने के बाद वह फ्लोर टेस्ट में सफल हुए थे. दूसरी बार 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के बाद सीएम बने थे और विधानसभा में विश्वास मत जीता था. तीसरी बार 5 सितंबर, 2022 को उन्होंने राज्यपाल द्वारा सरकार को बर्खास्त किए जाने की आशंका को देखते हुए एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत साबित किया था.


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मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. फिर उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और चंपई सोरेन को 2 फरवरी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए और उसके छठे दिन ही चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद अगले दिन 4 जुलाई को हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ ले ली थी.