Bihar Domicile Policy: बिहार में नई डोमिसाइल पॉलिशी को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूरे प्रदेश के शिक्षक सड़कों पर उतरे हुए हैं. शिक्षकों के अलावा तमाम राजनीतिक दल भी इसका विरोध कर रहे हैं. सरकार के सहयोगी दल भी शिक्षकों का समर्थन कर रहे हैं. मानसून सत्र के शुरुआत में ही वामदल के नेताओं ने शिक्षक अभ्यर्थियों के समर्थन में जमकर प्रदर्शन किया. अब जेडीयू के एमएलसी संजीव कुमार ने भी अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.   


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जदयू के एमएलसी संजीव सिंह ने शिक्षकों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मैं बिहार सरकार से अपील करता हूं कि सरकार को इनकी मांगों पर विचार करनी चाहिए. उनकी गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए. संजीव सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने पहले भी शिक्षकों के हित में कई काम किए हैं और आगे भी करती रहेगी. अपनों के विरोध के बाद अब नीतीश सरकार भी बैकफुट पर जाती दिख रही है. संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद शिक्षक प्रतिनिधियों से बात करेंगे.


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विजय चौधरी ने इस मामले में बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मामले पर राजनीति करना चाहती है. उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों से बीजेपी को  कोई हमदर्दी नहीं है, इसलिए आंदोलन की बात कह रही है. वहीं माले के विधायकों ने मंगलवार (11 जुलाई) को विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि नई शिक्षक नियमावली में सुधार की आवश्यकता है. नियोजित शिक्षकों बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दें.


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बता दें कि मंगलवार (11 जुलाई) को प्रदेशभर के शिक्षकों ने राजधानी पटना की सड़कों पर प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में किया गया. उधर पुलिस की ओर से प्रदर्शन को रोकने के लिए सख्ती दिखाई गई. कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत देखने को मिली. हजारों की संख्या में शिक्षकों को बाइपास में ही रोक दिया गया था. तमाम शिक्षक नेताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया गया था.