लखीसराय: बिहार में अभी STET और CTET अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज और विष्णुपद मंदिर का मामला थमा भी नहीं है कि एक विवाद शुरू हो गया है. इस विवाद की शुरूआत JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने विवादित बयान से हुई है. मुंगेर के सांसद और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को कहा कि आज मीडिया और अखबार वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ इसलिए हैं क्योंकि उन्हें दारू पीने के लिए नहीं मिल रहा है. अब दारू पीने के लिए नहीं मिल रहा है तो क्या करें, मुख्यमंत्री अब बिहार की जनता को देखें या पत्रकारों की मौज-मस्ती पर ध्यान दें. ललन सिंह ने ये विवादित बयान अपने लखीसराय दौरे के दौरान दिया. 


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ललन सिंह रोज दारू पीते हैं
ललन सिंह इस विवादित बयान के बाद BJP ने जदयू पर पलटवार करते हुए कहा कि अपनी नाकामी को छुपाने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर आरोप लगाने लगी है. ललन सिंह खुद रोज दारू पीते हैं. इसकी सत्यता के लिए उनके खून की जांच भी कराई जा सकती है. केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद ललन सिंह द्वारा "दारू न मिलने के कारण मीडिया नीतीश के खिलाफ है " के बयान को शर्मनाक बताया है. जदयू अपनी नाकामी को छुपाने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर आरोप लगाने का काम कर रही है. उन्हें मीडिया से माफी मांगनी चाहिए.


मंत्रिमंडल के सदस्यों का हो ब्लड टेस्ट 
वहीं BJP विधायक हरिभुषण ठाकुर बचौल ने मांग करते हुए कहा कि ललन सिंह सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों का ब्लड टेस्ट हो. पत्रकार क्या, अब तो आम जनता भी उनसे बिगड़ चुकी है. वो खुद कहते हैं कि आम जनता की वो नहीं सुनते हैं. तो अब आम जनता उनकी बात भी नहीं सुनेगी. नीतीश कुमार का अब विनाश निश्चित है.


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थोड़ी-थोड़ी पिया करो
बता दें कि नीतीश कुमार के साथ एनडीए और महागठबंधन सरकार में शामिल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी शराबबंदी कानून की समीक्षा करने के लिए लगातार मांग करते रहते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि शाराब को दवाई की तरह 'थोड़ी-थाड़ी पिया करो'. वहीं बिहार के उप- मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जब विपक्ष में तब उन्होंने शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की मांग करते रहते थे. ऐसे ये देखना अब दिलचस्प हो जातो है कि सरकार में आने के तेजस्वी यादव क्या करते हैं.