Bihar Politics News: पटना स्थित जेडीयू प्रदेश कार्यालय में मंगलवार (22 अगस्त) को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री अशोक चौधरी आदि नेता मौजूद रहे. इस दौरान ललन सिंह ने कहा- हमने केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग की थी, लेकिन केंद्र के मना करने के बाद राज्य सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला किया. जाति आधारित जनगणना को आर्थिक आधार पर करने फैसला लिया गया. हालांकि, बीजेपी ने पर्दे के पीछे से हाईकोर्ट में जाति आधारित जनगणना के खिलाफ पेटिशन दिया पर हाईकोर्ट ने गणना रोकने से मना कर दिया. अब बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में मुकुल रोहतगी के सहयोग से गणना का विरोध किया है. 


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उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जाति आधारित जनगणना से कोई निजता भंग नहीं होती. सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत जनगणना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. अब जब बीजेपी की दाल नहीं गल रही तब उसने अपना नक़ाब उतार दिया. अब मोदी सरकार के सॉलिसीटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वे जातीय जनगणना पर अपना पक्ष रखना चाहते हैं. ललन सिंह ने कहा- बीजेपी ने नगर निकाय चुनाव के मामले में भी यही किया था. नीतीश कुमार ने साफ कर दिया था कि चुनाव में अतिपिछडों के आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होने दिया जाएगा. बीजेपी को अब पर्दे के पीछे से बाहर आना पड़ा. बीजेपी अतिपिछड़े पिछड़े गरीब आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की विरोधी, मोदी वोट के वक़्त अतिपिछड़ा कभी पिछड़ा बन जाते हैं. 


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ललन सिंह ने यह भी कहा कि जेडीयू ने जाति आधारित जनगणना को लेकर बीजेपी के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाने का फैसला लिया है. इसलिए 1 सितंबर से पांच सितंबर तक जेडीयू हर जिला मुख्यालय में मशाल जुलूस या कैंडल मार्च निकालेगी. 7 से 12 सितंबर तक प्रखंड मुख्यालय में कैंडल मार्च या मशाल जुलूस निकाला जाएगा. 15 से 20 सितंबर तक अपने घरों के छत पर काला झंडा लगाकर विरोध करेंगे.