पटना : नीतीश कुमार के एक समय सबसे करीबी माने जाने वाले RCP सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया और उनपर यह भी इल्जाम लगाया गया कि वह प्रदेश में महाराष्ट्र जैसे हालात पैदा कर सकते थे. ऐसे में पार्टी से बाहर गए आरसीपी सिंह के कुछ दिनों बाद ही नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया और महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली. ऐसे में अब आरसीपी सिंह ने जदयू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और बिहार यात्रा की घोषणा कर दी, वह बिहार यात्रा पर निकल गए. जिसके बाद से जदयू केतेवर भी बदल गए हैं. 


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अब बिहार में जदयू और आरजेडी की सरकार बनने के बाद आरसीपी सिंह की बिहार यात्रा की घोषणा के साथ ही जदयू के कार्यकारिणी के बैठक का सिलसिला भी तेज हो गया है. इसी कड़ी में सुपौल शहर में आज जदयू कार्यालय में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपनी कार्यकारणी की आपात बैठक बुलाई. 


जदयू कार्यालय में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपनी कार्यकारणी की आपात बैठक में एक तरफ RCP सिंह को सुपौल में न आने की सलाह दी तो वहीं दूसरी तरफ धमकी देते हुए कहा की सुपौल में आने पर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें. 


दरअसल सुपौल जिले के जदयू जिला अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सुपौल की धरती विजेंद्र यादव और सीएम नीतीश कुमार की धरती है. अगर RCP सिंह सुपौल आते हैं तो उन्हें इसका अंजाम भी भुगतना होगा. 


बता दें कि पार्टी से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के खिलाफ बयान देने लगे हैं. आरसीपी सिंह ने मीडिया के सामने आकर कह दिया था कि नीतीश कुमार सात जन्मों में भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं और उन्होंने जदयू को डूबता जहाज बता दिया था. इसके बाद आरसीपी सिंह ने ये भी कहा कि जल्द ही जदयू का राजद में विलय हो जाएगा. आरसीपी सिंह के इन बयानों के बाद से ही जदयू की बेचैन बढ़ गई.  


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