भाजपा और आजसू दोनों ने पिछली बार अलग-अलग चुनाव लड़ने का खामियाजा भुगता, इस बार हैं साथ-साथ
Jharkhand Election 2024: 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 65 पार का नारा दिया था पर वह 25 सीटों पर सिमटकर रह गई थी. वहीं आजसू को केवल 2 सीटें हासिल हुई थीं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन ने बाजी मार ली थी.
Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है. राज्य में दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे और 23 नवंबर को मतगणना होगी. पिछले चुनाव में भाजपा को सत्ता में दूसरी बार वापसी का पूरा भरोसा था और उसने 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 'अबकी बार 65 पार' का नारा दिया था, लेकिन हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन ने बाजी मार ली थी और राज्य भर में 47 सीटों पर जीत हासिल की थी. महागठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद शामिल थे. हेमंत सोरेन की सरकार को भाकपा माले और राष्ट्रवादी कांग्रेस के 2 विधायकों ने बाहर से समर्थन दिया था.
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2019 में भाजपा और आजसू का गठबंधन नहीं टिक सका था और सीट शेयरिंग में विवाद के कारण दोनों दलों ने अलग अलग चुनाव लड़ा. भाजपा ने 25 और आजसू ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. राज्य में आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 में से 26 सीटों पर भाजपा की हार को उसके सत्ता से बेदखल होने का मुख्य कारण माना गया. इस बार भाजपा का आदिवासी सीटों पर खास फोकस है. आदिवासी बहुल कोल्हान और संथाल परगना प्रमंडल में चुनाव को लक्ष्य कर पार्टी कई महीनों से आक्रामक अभियान चला रही है. उसने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण, मौजूदा सरकार की नाकामियों और भ्रष्टाचार के मामलों को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया है. पिछली हार से सबक लेते हुए भाजपा ने इस बार आजसू, जदयू और लोजपा को भी चुनावी गठबंधन में साझेदार बनाया है.
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दूसरी तरफ, झामुमो-कांग्रेस-राजद का सत्तारूढ़ गठबंधन भी लोकसभा चुनाव के बाद से ही विधानसभा चुनाव को फोकस कर अभियान में जुटा है. चुनाव के ठीक पहले महिलाओं को आर्थिक मदद देने वाली 'मंईयां सम्मान योजना' सहित 200 यूनिट मुफ्त बिजली, किसानों के दो लाख तक के ऋण की माफी, आदिवासियों-दलितों को 50 साल की उम्र से पेंशन जैसी लोकलुभावन योजनाओं का आकर्षण दिखाकर यह गठबंधन सत्ता बरकरार रखने की जंग लड़ने को तैयार है. इस बार चुनावी गठबंधन में वाम दलों को भी साथ लेकर चलने पर सहमति बनी है.