गिरिडीह: Jharkhand News: झारखंड में शासन एवं प्रशासन की मिलीभगत से झारखंड पिछड़ गया है. खनिज संपदा से परिपूर्ण होने के बाद भी हमारा प्रदेश सबसे पिछड़ा है. उक्त बातें झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के टाइगर जयराम महतो ने कही. वे गांडेय प्रखंड के प्लस टु उच्च विद्यालय मैदान में जन आशीर्वाद सभा को संबोधित कर रहे थे. 


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उन्होंने कहा कि झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल प्रभात कुमार ने कहा था कि झारखंड में अकुत खनिज संपदा का भंडार है. 20 वर्षों में झारखंड भारत का नंबर एक राज्य होगा पर 23 साल बाद भी नंबर वन तो क्या झारखंड देश के पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे किसी नंबर पर नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड को प्रतिनिधित्व करने वाले शासन प्रशासन के लोगों ने झारखंड की जनता के साथ न्याय नहीं किया. अगर पुरी ईमानदारी से झारखंड के विकास में काम किया होता तो आईएएस पूजा सिंघल के घर में पच्चीस करोड़ नहीं मिलता. 


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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ईडी के डर से भागे-भागे नहीं फिरते. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि क्लास 6 के पाठ में स्पष्ट लिखा है कि सांसद या विधायक किसी भी लाभ के पद पर नहीं हो सकते. बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने नाम से पत्थर का लीज लिया. उन्होंने कहा कि केरल, तमिलनाडु के लोग जब यहां आते हैं तो अधिकारी बनकर आते हैं, मैनेजर बनकर आते हैं, कंपनी के एमडी या डायरेक्टर बन कर आते हैं पर यहां की महिलाएं बाहर जाती हैं तो नौकरानी बनकर जाती है.


उन्होंने कहा कि झारखंड के युवा रोजगार के लिए रेलगाड़ी से महाराष्ट्र,केरल,उतर प्रदेश,मध्य प्रदेश जाते हैं पर वहां की नागरिकता नहीं मिलती पर कुछ लोग बस से चौपारन पार करते हैं तो झारखंड की नागरिक बन जाते हैं. देश को 40 प्रतिशत खनिज संपदा देने वाले प्रदेश में 10 ऐसे सांसद भी नहीं है जो सदन में 40 मिनट इसपर चर्चा कर सके. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में शासन को बदलने की प्रक्रिया जनता के पास है. जनता आने वाले चुनाव में शासन को बदलने का काम करे. प्रशासन को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी टाइगर जयराम महतो की होगी. उन्होंने कहा कि झारखंड को 23 साल तक प्रतिनिधत्व करने वालों ने लोगों को जो छला है उसका करारा जवाब देना होगा और उसके लिए लोगों को एकजुट होना होगा. उन्होंने कहा कि दो साल पहले उन्होंने झारखंड में व्यवस्था सुधारने के लिए जो शुरुआत किया है उसके लिए लोगों को एकजुट होकर आगे आना होगा.
मृणाल सिन्हा