UCC पर झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा- अभी इंतजार करना होगा
UCC: झारखण्ड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का जो प्रस्ताव लाया गया है वह केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा की एक चुनावी शगुफा है. उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.
साहिबगंज: UCC: झारखण्ड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू करने का जो प्रस्ताव लाया गया है वह केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा की एक चुनावी शगुफा है. उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां अनेकता में एकता की झलक है. ऐसे में इस पर इतनी जल्दी ज्यादा कुछ कहना या इसे तूल देने से पहले हमें इंतजार करना चाहिए कि इस प्रस्ताव पर संसद में ऐसा क्या निर्णय आता है.
झारखंड के संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम आज विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करने साहिबगंज पहुंचे थे. वहीं परिसदन में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि चूंकि बड़हरवा को नगर पंचायत के रूप में घोषित किया गया है. इसके प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा हो चुका है और अब बड़हरवा नगर पंचायत क्षेत्र में कई समस्याएं सामने आ गई है. इसके समाधान को लेकर वे यहां पहुंचे हैं, ताकि यहां संबंधित विभागों के पदाधिकारियों से बात कर उन समस्याओं का समाधान कराया जा सके.
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उन्होंने कहा कि बड़हरवा नगर पंचायत क्षेत्रों में कई समस्याएं हैं. मसलन रेलवे क्रॉसिंग के लिए करना ग्राउंड ब्रिज बनाया गया है जहां एक नाली से पानी रिसकर पुल के लिए समस्या बना हुआ है. उक्त नाली के पानी को कैसे निकाला जा सके इस पर विचार करना है. कहा कि बड़हरवा में बाईपास तो बन गया लेकिन वहां लाइट की व्यवस्था नहीं की गई, इससे वहां अंधेरे की स्थिति बनी रहती थी लेकिन अब पता चला कि रविवार को वहां लाइट लगाई गई है. बड़हरवा में बस, ऑटो और टोटो की संख्या काफी बढ़ गई है. ऐसे में उसके लिए व्यवस्थित स्टैंड की जरूरत भी है. इस सब समस्याओं के निदान को लेकर हुए आज वे यहां पदाधिकारियों से विचार विमर्श करेंगे.
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाया जाएगा. इसके लिए 10 साल से अधिक पुराने हो चुके सड़कों का दुबारा निर्माण करने को लेकर टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है. वहीं 7 से 9 साल तक पूर्ण करने वाली सड़कों को दोबारा बनवाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है तथा 5 साल से ऊपर की सड़कों को भी टेंडर की प्रक्रिया में शामिल करने की कवायद की जा रही है.
Pankaj Verma