पूर्णिया: बिहार में एनडीए में एक बार फिर से तनाव का माहौल है. यह विवाद बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के एक बयान के कारण शुरू हुआ है, जिसमें उन्होंने सीमांचल को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. विधायक का कहना है कि सीमांचल के क्षेत्रों में हिंदुओं की सुरक्षा को खतरा है. इस बयान पर जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द की बात की है.


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बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने सीमांचल के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिलों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. उनका कहना है कि इन इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठियों का कब्जा हो गया है और हिंदू अल्पसंख्यक बन गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था, जहां भारत हिंदू राष्ट्र बना और पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र. ऐसे में उनका कहना है कि सीमांचल को केंद्र शासित प्रदेश बनाना चाहिए, ताकि हिंदुओं को सुरक्षा मिल सके.


बचौल ने कहा कि सीमांचल, दरभंगा, मधुबनी और अन्य जिलों में हिंदुओं की बहन-बेटियों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. उनके इस बयान ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी मिलकर रहते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल है और ऐसे बयान का कोई औचित्य नहीं है. इसके साथ ही, उन्होंने हाल ही में मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या पर भी अपनी चिंता जताई. राजीव रंजन ने कहा कि बाबा सिद्दीकी का जन्म बिहार में हुआ था और उनकी हत्या पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर हत्या न केवल उस परिवार के लिए बल्कि उससे जुड़े सभी लोगों के लिए दुःख का विषय है.


केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी पहले से ही सीमांचल के मुद्दे पर मुखर रहे हैं और वे बेगूसराय में यात्रा करने वाले हैं. बीजेपी विधायक के बयान को लालू यादव और नीतीश कुमार से जोड़कर देखा जा रहा है. अगर सीमांचल को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाता है, तो यह संभव है कि राजनीतिक रूप से नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच एक नई स्थिति बन जाए. साथ ही वर्तमान में बचौल के बयान ने बिहार की राजनीतिक स्थिति को गर्म कर दिया है और यह देखने वाली बात होगी कि इस पर आगे क्या प्रतिक्रिया आती है. इस स्थिति ने एनडीए के भीतर भी असंतोष और विभाजन को बढ़ाने का काम किया है, जिससे राजनीतिक समीकरण में बदलाव आ सकता है.


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