Bihar Politics: नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में CBI ने शुक्रवार (7 जून) को अपना अंतिम आरोपपत्र शुक्रवार को दाखिल कर दिया. सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश (सांसद/विधायक मामले) के समक्ष 78 आरोपियों के खिलाफ अपना तीसरा और अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया. आरोपियों में पहली बार लालू यादव के बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव का नाम शामिल किया गया है. तेज प्रताप अभी तक इस मामले की जांच से दूर थे, लेकिन अब सीबीआई ने उन्हें भी आरोपी बनाया है. इस मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेज प्रताप यादव, बेटी हेमा यादव, पूर्व ओएसडी भोला यादव और राजद प्रमुख के एक पूर्व कर्मचारी सदस्य शामिल हैं. तेज प्रताप यादव को भी आरोपी बनाए जाने के बाद जेडीयू ने तंज कसा है. 


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जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव ने अपने साथ परिवार वालों की भी दुर्गति कर दी. वह खुद तो जेल जाएंगे ही, पूरे परिवार को भी ले जाएंगे. जेडीयू नेता ने कहा कि ब तो खुद जेल जाएंगे ही, साथ में पूरे परिवार को भी जेल में भेजेंगे और वहीं आनंद लेंगे. नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव तो दलित पिछड़ा के फर्जी नेता हैं. उनको पटना में 43 बीघा 12 कट्ठा, 16 धुर जमीन है. यह तो श्रम से कमाई हुई जमीन नहीं है. जो श्रम से नहीं कमाया गया है वह मामला सीबीआई में चल रहा था. सीबीआई ने अब चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई कोर्ट का जो भी आदेश होगा, वह न्यायपालिका के प्रक्षेप में है. 


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बता दें कि लालू परिवार में तेज प्रताप यादव ही ऐसे थे जो अभी तक सीबीआई, ED और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जद में आने से बचे हुए थे. हालांकि, नौकरी के बदले जमीन घोटाले में आखिरकार उनका नाम भी आरोपियों की लिस्ट में आ ही गया. सीबीआई ने अपनी आखिरी चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के साथ-साथ धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराएं तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लगाए हैं. उन्होंने बताया कि आरोपियों में 29 रेलवे अधिकारी, 37 अभ्यर्थी और छह अन्य निजी व्यक्ति शामिल हैं.