JMM ज्वाइन करने के बाद लुईस मरांडी और कुणाल सारंगी ने कहा- BJP ने बेसहारा किया, अब मिला नया परिवार
Jharkhand Assembly Elections 2024: पूर्व विधायक लुईस मरांडी और कुणाल सारंगी ने जेएमएम में शामिल होने के बाद कहा कि जनता की सेवा के लिए एक मंच चाहिए. 24 साल से जनता की सेवा करने वाली महिला को बीजेपी ने बेसहारा किया. हम असहाय जैसे हो गए.
रांचीः Jharkhand Assembly Elections 2024: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के दो पूर्व विधायक लुईस मरांडी और कुणाल सारंगी बीते दिन सोमवार (21 अक्टूबर) को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) में शामिल हो गए है. इन दोनों पूर्व विधायकों ने झामुमो का दामन थाम लिया है. बताते चलें कि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2 चरणों में मतदान होंगे. जिसका पहला चरण का मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होगी. इसके बाद 23 नवंबर को चुनाव नतीजों का एलान किया जाएगा.
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में शामिल होने के बाद लुईस मरांडी और कुणाल सारंगी की प्रतिक्रिया सामने आई है. कुणाल सारंगी ने कहा कि मैंने अपने आप को बड़े भाई हेमंत सोरेन को सौंप दिया है. अब निर्णय उनको लेना है. वहीं लुईस मारंडी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार में अब हम शामिल हो गए हैं. बीजेपी में मुझे बरहेट से चुनाव लड़ने कहा गया, तो हम कैसे लड़ सकते हैं. जहां हम समय दिए वहां की जनता से मतलब रखें.
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लुईस मारंडी ने आगे कहा कि जनता की सेवा के लिए एक मंच चाहिए. 24 साल से जनता की सेवा करने वाली महिला को बीजेपी ने बेसहारा किया. हम असहाय जैसे हो गए. नए परिवार में हम अंतिम समय तक सेवा करेंगे और हेमंत सोरेन सहयोगी बन कर झारखंड को आगे बढ़ाने में साथ देंगे.
बीते दिन जेएमएम में शामिल होने के बाद लुईस मरांडी ने कहा था कि "हमने पार्टी (भाजपा) को बहुत लंबा समय दिया, पार्टी की सेवा की, पार्टी के हर निर्देश का बहुत ईमानदारी से पालन किया, लेकिन चुनाव के समय पार्टी ने कहा कि हमें बरहेट से चुनाव लड़ना है. हमने दुमका को 24 साल दिए हैं, हम बरहेट से चुनाव कैसे लड़ेंगे, हमें उस जगह के बारे में कुछ भी नहीं पता... इसलिए हमने कहा कि हम बरहेट से चुनाव नहीं लड़ सकते. उसके बाद भी घोषणा हुई और दुमका से किसी और को टिकट दिया गया. तब हमने संकल्प लिया कि चूंकि हमने लोगों की सेवा करने का फैसला किया है. इसलिए हम चुनाव लड़ना चाहते हैं. हमने हेमंत सोरेन से संपर्क किया और उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकारा. हम उन्हें अपना अभिभावक मानते हैं, यह उन पर निर्भर है कि वे हमें चुनाव लड़ाते हैं या नहीं."
इनपुट- चंदन राय
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