INDI Alliance Seat Sharing: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में सीट शेयरिंग को लेकर कोई आम सहमति नहीं बन पा रही है. अभी तक सबसे ज्यादा मुश्किलें कांग्रेस के सामने आ रही थीं. अलायंस में शामिल सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस को क्षेत्रीय दल कोई खास तरजीह नहीं दे रहे हैं. क्षेत्रीय दल अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस पर एडजस्ट करने का दबाव बना रहे है. अब क्षेत्रीय दलों में भी खींचतान और तनाव बढ़ गया है. बिहार में सीतामढ़ी सीट को लेकर जदयू और राजद में विवाद गहराता जा रहा है.


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दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी सीट से देवेश चंद्र ठाकुर को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी. अब इसको लेकर राजद और जदयू दोनों में इसका विरोध शुरू हो गया है. जेडीयू और राजद के नेताओं ने मिलकर संभावित जदयू प्रत्याशी देवेश चंद्र ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जानकारी के मुताबिक, देवेश चंद्र ठाकुर के लिए शुक्रवार (5 जनवरी) को पटना के होटल में खास बैठक की गई. इसमें जदयू के बिहार विधान परिषद के सदस्य रामेश्वर महतो ने देवेश चंद्र ठाकुर का खुलकर विरोध किया. 


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उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होगा की जिसके नाम की घोषणा हो जाए, हम उसे कैंडिडेट मान लें. वहीं आरजेडी की एक पूर्व महिला विधायक ने भी कहा कि यह नहीं हो सकता. जब तक पार्टी पूरी तरीके से घोषित नहीं करेगी, हम किसी को उम्मीदवार नहीं मान सकते. उधर देवेश चंद्र ठाकुर ने ऐलान किया है कि सीतामढ़ी से अगर मेरे अतिरिक्त महागठबंधन का कोई प्रत्याशी जीत गया तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.


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जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार और लालू यादव ने बिहार में सीट बंटवारे का फार्मूला तय कर लिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार की पार्टी पिछली बार की तरह इस बार भी 17 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. ऐसे में 17 सीटों पर ही लालू प्रसाद यादव की पार्टी भी अपने उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में बची छह सीटों पर कांग्रेस और लेफ्ट को समायोजित करना है. हालांकि कांग्रेस और लेफ्ट को शायद यह मंजूर न हो. बता दें कि बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं.