पटना: एक तरफ नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के अभियान में जुटे हुए हैं और इस क्रम में उनकी मुलाकात शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से हुई तो वहीं बिहार में नीतीश की जेडीयू से इस्तीफा देकर सुहेली मेहता ने भाजपा का दामन थाम लिया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


सम्राट चौधरी के सामने बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पहुंचकर सुहेला मेहता ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. तब वहां भाजपा के कई दिग्गज नेता मौजूद थे. इस मौके पर सम्राट चौधरी नीतीश कुमार पर भी हमलावर रहे और उन्होंने इस दौरान उनकी विपक्षी एकता की मुहिम को लेकर कहा कि सीएम आजकल बिहार में कम और चाय-नाश्ते के लिए पूरे देश में ज्यादा घूम रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इससे कोई परेशानी तो नहीं है लेकिन इतना तो पता हो कि उनसे बिहार नहीं संभल रहा है और वह शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे को अपने साथ लेने के लिए महाराष्ट्र गए हुए हैं. ऐसे में सम्राट चौधरी ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या अब शिवसेना सांप्रदायिक हो गई है?


बता दें कि नीतीश कुमार महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे से मिलने के बाद शरद पवार से भी मिलने पहुंचे. उनके साथ इस यात्रा में तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. यहां नीतीश ने एक बार फिर अपने फॉर्मूले एक सीट एक उम्मीदवार पर बात करते हुए कहा कि भाजपा ने देश में जो हालात बनाए हैं वह ठीक नहीं है. ऐसे में उसे रोकने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर आना होगा. उन्होंने कहा कि शरद पवार और उद्धव से उनकी मुलाकात सकारात्मक रही. ऐसे में अब विपक्षी दलों की आपसी सहमति से अगली बैठक का निर्णय लिया जाएगा. 


ये भी पढ़ें- नीतीश को 'नवीन' झटका, पटनायक को साथ लाने के लिए नहीं पटा पाए सुशासन बाबू


बता दें कि इससे ठीक पहले जदयू से निकाले गए नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे RCP Singh ने भी भाजपा का दामन थाम लिया और वह नीतीश के गढ़ नमें उनको चुनौती देने की बात कर रहे हैं. ऐसे में नीतीश की पार्टी में पड़ रही फूट और नीतीश का लगातार विपक्षी दलों को एक साथ लाने के मुहुम के नतीजे क्या होंगे यह तो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही पता चल पाएगा. नीतीश कुमार को लेकर तो आरसीपी सिंह ने यहां तक कह दिया कि उन्हें 'सी' लेटर से बड़ा प्यार है. यानी नीतीश को करप्शन, क्राइम और चेयर भाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार तो पहले से ही 'PM' है. यानी वह पलटी मार हैं. हालांकि इस पूरे विपक्षी एकता की मुहिम के बीच नीतीश बार-बार यह दोहराते रहे हैं कि उन्हें पीएम नहीं बनना है लेकिन भाजपा यही मानती है कि नीतीश के मन में पीएम बनने की लालसा है और इसी वजह से वह इस तरह के काम कर रहे हैं.