पटना: पिछले दिनों रुपौली विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह जीत गए. वहीं जदयू के कालाधर मंडल दूसरे और राजद की बीमा भारती तीसरे स्थान पर रही. निर्दलीय प्रत्याशी के अप्रत्याशित जीत ने सबको चौंका दिया,वहीं इसको लेकर सियासत भी गरमा गई. इसी बीच मुजफ्फरपुर के साहेबगंज के बीजेपी विधायक राजू कुमार सिंह ने बड़ा बयान दिया है. राजू सिंह ने कहा कि हर पार्टियों की मज़बूरी होती हैं कि जातीय समीकरण के हिसाब से प्रत्याशी उतारे और इसी के चक्कर में हमने प्रत्याशी उतारने में गलती कर दी. प्रत्याशी उतारने से पहले देखना चाहिए कि कौन प्रभावी है, प्रभावी लोग ही चुनाव जीतते है,जाति के चक्कर में न पड़कर प्रभावी लोगों को टिकट मिलना चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि शंकर सिंह जिस जाति से आते हैं,उनकी संख्या बेहद कम है. फिर भी उन्हें जीत मिली. इसलिए अब चुनाव के समय देखना होगा कि कौन सा प्रत्याशी जनता के बीच प्रभावी है,क्योंकि अब जनता के बीच जो प्रत्याशी प्रभावित होता है वही जीतता है. अब बिहार के लोग जाति पार्टी से ऊपर उठकर प्रत्याशी का चयन करते हैं इसलिए अब जाति के आधार पर , उम्मीदवार का चयन करने का समय नहीं है.


वहीं जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि रुपौली चुनाव हम हार गए इसे स्वीकार करते हैं इसकी समीक्षा होगी, लेकिन सवाल राजद को लेकर है. रुपौली चुनाव में MY समीकरण खत्म हो गया, मुसलमानों ने RJD उम्मीदवार को वोट नहीं दिया. राजद ने अतिपिछड़ा वर्ग का केवल इस्तेमाल किया. बीमा भारती को जानबूझकर चुनाव हराया गया. गांगोटा समुदाय को धोखा दिया गया. बेटी के चुनाव प्रचार के वक़्त लालू प्रसाद की तबियत ठीक हो गई, लेकिन बीमा भारती के चुनाव प्रचार मे नहीं गए. गांगोटा समुदाय को अब तक केवल एक बार राजद ने मौका दिया चुनाव में, सहयोगी पार्टी को भी धोखा दिया. रुपौली मे सीपीआई लड़ना चाहती थी लेकिन उनको टिकट नहीं दिया गया.


इनपुट - मणितोश कुमार, शिवम


 ये भी पढ़ें- Russian Army Shoes: 'मेड इन बिहार' जूतों के साथ रूसी सेना का मार्च, दुनियाभर में मशहूर हुआ ये शहर